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चीन के साथ तनातनी पर सरकार को मिला विपक्ष का साथ

नयी दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को विपक्ष के नेताओं को बताया कि चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सड़कों का निर्माण कर देश के रणनीतिक हितों को बाधित कर रहा है और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस महीने के अंत में अपने चीनी समकक्ष के सामने नयी दिल्ली का पक्ष रखेंगे. गृह मंत्री राजनाथ […]

नयी दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को विपक्ष के नेताओं को बताया कि चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सड़कों का निर्माण कर देश के रणनीतिक हितों को बाधित कर रहा है और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस महीने के अंत में अपने चीनी समकक्ष के सामने नयी दिल्ली का पक्ष रखेंगे. गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री अरुण जेटली और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल तथा विदेश सचिव एस जयशंकर समेत शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के सत्र से पहले विपक्ष के नेताओं को जानकारी दी.

अधिकारियों ने बताया कि डोभाल और जयशंकर ने कांग्रेस, वामपंथी दलों, राकांपा और तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी नेताओं के सामने विस्तृत प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि भारतीय सेना का भारत-भूटान-चीन ट्राइजंक्शन में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ गतिरोध चल रहा है. शीर्ष मंत्रियों ने विपक्ष के नेताओं को बताया कि डोभाल 26-27 जुलाई को चीन जायेंगे और चीन के वार्ताकारों के सामने भारत का पक्ष रखेंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोकलाम के हालात पर राजनीतिक दलों को वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों की ओर से ब्रीफिंग में कूटनीति के माध्यम से भारत और चीन के साझेदारी रखने के महत्व को रेखांकित किया गया.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा, ‘बैठक में शामिल हुए सभी दलों ने भारत के रुख का पूरा समर्थन किया और राष्ट्रीय एकता की जरूरत पर जोर दिया. कूटनीति के माध्यम से भारत और चीन के साझेदारी रखने के महत्व को रेखांकित किया गया.’ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि उनकी पार्टी ने सरकार की नीति को लेकर कुछ संदेह प्रकट किये हैं, लेकिन स्पष्ट किया कि ‘राष्ट्र प्रथम है चीन हो या कश्मीर.’ दोनों नेताओं ने कहा, ‘बहुत तनाव (चीन के साथ) है और कूटनीति के जरिये इसे कम किया जाना चाहिए. हम संसद में भी इस मुद्दे को उठायेंगे.’ शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने अपना रुख साफ किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकता में है और सरकार को राजनीति से ऊपर उठकर कूटनीतिक तरीके से हालात से निपटना चाहिए. तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ-ब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी ने कुछ गंभीर सवाल उठाये और दावा किया कि सरकार के पास इस तरह की घटनाओं की तैयारी पर उनके सवाल का कोई जवाब नहीं है. विपक्षी नेताओं को गत सोमवार को आतंकवादियों द्वारा सात अमरनाथ यात्रियों की हत्या किये जाने के मद्देनजर जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात और सरकार की कार्रवाई के बारे में भी बताया गया. केंद्रीय गृह सचिव मनोनीत किये गये राजीव गौबा ने कश्मीर पर बात रखी.

सरकार के मुख्य प्रवक्ता फेंक नोरोन्हा ने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न दलों के सांसदों को चीन-भारत सीमा के हालात के बारे में और अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले के बारे में अवगत कराना था. राजग के सहयोगी दल शिवसेना के सांसद आनंदराव अडसुल ने कहा कि सरकार को चीन से निपटने में और अधिक आक्रामक रुख अपनाना होगा. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने बताया कि सरकार ने चीन के साथ विवाद को सुलझाने के लिए किये जा रहे प्रयासों के बारे में बताया. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सभी ने सरकार को समर्थन देने का वादा किया.

बैठक में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे, सपा के मुलायम सिंह यादव, राकांपा के तारिक अनवर और जदयू के शरद यादव एवं के सी त्यागी ने भी भाग लिया. भारत-भूटान-तिब्बत के बीच में पड़नेवाले सिक्किम के डोकलाम क्षेत्र में चीन द्वारा यथास्थिति को बिगाड़ने के प्रयास करने का भारत ने दावा किया है. चीन एवं भारत के बीच डोकलाम क्षेत्र में पिछले तीन सप्ताह से तनातनी बनी हुई है. यह तनातनी चीनी सेना द्वारा एक सड़क निर्माण का प्रयास करने के बाद शुरू हुई. भारत इस क्षेत्र को डोक ला कहता है, जबकि भूटान इस क्षेत्र की पहचान डोकलाम के रूप में करता है. चीन इसे अपने डोंगलांग क्षेत्र का हिस्सा होने का दावा करता है.

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में सात तीर्थयात्रियों की आतंकवादियों ने उस समय हत्या कर दी थी जब वे सोमवार को अमरनाथ गुफा से दर्शन कर लौट रहे थे. राज्य के चार जिलों पुलवामा, कुलगाम, शोपियां एवं अनंतनाग में आठ जुलाई 2016 को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से अशांति व्याप्त है. नौ अप्रैल को श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव के बहिष्कार के बाद यह अशांति फिर से शुरू हो गयी. विपक्षी नेताओं ने चीन एवं कश्मीर मुद्दों से निपटने में सरकार के तौर तरीकों की आलोचना की है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने चीन के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर गत बुधवार सवाल उठाया था. उन्होंने मोदी पर ऐसी नीतियों पर चलने का आरोप लगाया जिसके कारण कश्मीर में आतंकवादियों को मौका मिला.

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