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अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला, 7 की मौत, बोली महबूबा- हर कश्मीरी का सिर शर्म से झुक गया

श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग के बटेंगू में सोमवार रात आतंकियों ने अमरनाथ श्रद्धालुओं और सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला कर दिया. अधाधुंध गोलीबारी में बस में सवार सात श्रद्धालुओं की मौत हो गयी, जबकि 32 अन्य घायल हो गए. बताया जा रहा है कि हमले में छह महिलाओं समेत गुजरात के सात अमरनाथ […]

श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग के बटेंगू में सोमवार रात आतंकियों ने अमरनाथ श्रद्धालुओं और सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला कर दिया. अधाधुंध गोलीबारी में बस में सवार सात श्रद्धालुओं की मौत हो गयी, जबकि 32 अन्य घायल हो गए. बताया जा रहा है कि हमले में छह महिलाओं समेत गुजरात के सात अमरनाथ यात्रियों की मौत हो हुई है. वर्ष 2000 के बाद से यह इस सालाना तीर्थयात्रा पर सबसे घातक हमला है. पुलिस ने कहा कि रात करीब आठ बजकर 20 मिनट पर जीजे 09 जेड 9976 पंजीकरण संख्या वाली बस पर खानाबल के पास उस समय हमला हुआ जब वह जम्मू जा रही थी.

पुलिस ने कहा कि यह बस उस यात्रा काफिले का हिस्सा नहीं थी जिसे पुख्ता सुरक्षा प्रदान की जा रही है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि आतंकवादियों ने पहले बोटेंगू में पुलिस के बुलेटप्रूफ बंकर पर हमला किया जिस पर जवाबी कार्रवाई की गयी. इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ.

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पुलिस ने कहा कि इसके बाद आतंकवादियों ने खानाबल के पास पुलिस टुकडी पर गोलियां चलायी. जब पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की तो आतंकवादी भागे और उन्होंने यात्रियों को लेकर जा रही बस पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं. पुलिस ने कहा कि सात श्रद्धालुओं की मौत हो गयी जबकि 32 अन्य घायल हुए.
पुलिस और शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि बस चालक ने तीर्थयात्रा के नियमों का उल्लंघन किया क्योंकि रात सात बजे के बाद किसी यात्रा वाहन को राजमार्ग पर चलने की अनुमति नहीं होती है क्योंकि इसके बाद सुरक्षा कवर हटा लिया जाता है. व्यक्तिगत रुप से स्थिति की निगरानी कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धालुओं पर आतंकी हमले की कडी निंदा की और कहा कि भारत ऐसे कायरतापूर्ण हमलों और घृणा के नापाक मंसूबों के आगे झुकने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य के राज्यपाल एन एन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी वोहरा और महबूबा से बात करके हमले की जानकारियां मांगी.
मोदी ने ट्वीट किया, ‘ ‘जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण अमरनाथ यात्रियों पर घातक हमले पर दर्द बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं. हमले की सभी लोगों को कडी से कडी निंदा करनी चाहिए. ‘ ‘ उन्होंने कहा, ‘ ‘मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने जम्मू कश्मीर में हमले में अपने प्रियजन को खो दिया. मेरी प्रार्थनाएं घायलों के साथ हैं. ‘ ‘ एक अन्य ट्वीट में मोदी ने कहा, ‘ ‘भारत ऐसे कायरतापूर्ण हमलों और घृणा के नाकाम मंसूबों के आगे नहीं झुकेगा.’ ‘ गृह मंत्री सिंह ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से यह सुनिश्चित करने को कहा कि घायलों को पर्याप्त इलाज दिया जाए.
उन्होंने अधिकारियों को भविष्य में पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने भी हमले की निंदा की और इसे ‘ ‘बहुत निंदनीय कृत्य ‘ ‘ बताया. अन्य नेताओं ने भी इस हमले की निंदा की है. इससे पहले एक अगस्त 2000 को अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाया गया था. आतंकवादियों ने पहलगाम क्षेत्र में हमला किया था जिसमें पोर्टर सहित 30 लोग मारे गये थे.
हमले को लेकर हर कश्मीरी का सिर शर्म से झुक गया: महबूबा
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला ‘ ‘सभी मुस्लिमों और कश्मीरियों पर धब्बा ‘ ‘ है. अनंतनाग में एक अस्पताल में घायलों से मिलते हुए उन्होंने कहा कि घटना को लेकर हर कश्मीरी का सिर शर्म से झुक गया है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ ‘तीर्थयात्री तमाम मुश्किलों के बावजूद यात्रा के लिए हर साल कश्मीर आते हैं. और सात लोगों की मौत हो गयी. मेरे पास इसकी निंदा करने के लिए कोई शब्द नहीं है.मुझे आशा है कि सुरक्षा बल और जम्मू कश्मीर पुलिस साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ कडी कार्रवाई करेगी. ‘ ‘ महबूबा ने कहा, ‘ ‘यह घटना सभी कश्मीरियों और मुस्लिमों पर धब्बा है. हम अपराधियों को सजा दिलाने तक चुप नहीं बैठेंगे. ‘ ‘
अलगाववादी नेताओं ने अमरनाथ श्रद्धालुओं पर हमले की निंदा की
जम्मू कश्मीर में अलगाववादी नेताओं ने बीती रात अनंतनाग जिले में अमरनाथ श्रद्धालुओं पर आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए कहा कि घटना कश्मीरी संस्कार के खिलाफ है. एक संयुक्त बयान में अलगाववादी हुर्यित नेता सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक और यासिन मलिक ने सात अमरनाथ यात्रियों के मारे जाने पर शोक प्रकट किया. इसमें कहा गया, ‘ ‘घटना कश्मीरी परंपरा के बिल्कुल विपरीत है. अमरनाथ यात्रा सदियों से शांतिपूर्ण तरीके से चलती रही है और यह वार्षिक गति का हिस्सा है और रहेगा.’ ‘ उन्होंने कहा शोकसंतप्त परिवारों के लिए हम बहुत दुखी हैं और हम अपनी संवेदना प्रकट करते हैं.

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