नयी दिल्ली : दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इराक में बम विस्फोट में घायल हुए एक जवान की और अफगानिस्तान के एक नागरिक की पेट की दुर्लभ समस्या की सफलतापूर्वक रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की गयी. इराक में एक बम विस्फोट में घायल हुए 36 साल के खालिद हसन को फोर्टिस शालीमार बाग में बुरी तरह जख्मी अवस्था में भर्ती कराया गया था. गत 28 जून को उसकी 13 घंटे लंबी सर्जरी की गयी.
सर्जरी में शामिल रहे फोर्टिस के डॉ. प्रदीप जैन और डॉ. रिची गुप्ता ने यहां संवाददाताओं को बताया कि विस्फोट में खालिद की आंतें अव्यवस्थित हो गयी थीं और कूल्हे के नीचे दांयी टांग भी प्रभावित हुई और उसे काटना पड़ा था. उनके पेट का 26.5 गुणा 30 सेंटीमीटर का हिस्सा प्रभावित हो गया था और सामान्य मेश से उसे कवर नहीं किया जा सका.
डॉक्टरों ने पूरी तरह अध्ययन कर कमर के दांयी तरफ से मांसपेशियों और त्वचा का एक फ्लैप लेकर सर्जरी की. तीन दिन तक मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया और अब पूरी तरह स्वस्थ है. डॉ. गुप्ता के मुताबिक अफगानिस्तान के 49 साल के जकारिया रामोंजी को पेट की वॉल पर बड़ा ट्यूमर हो गया था, जिसमें से मवाद भी निकल रहा था.
काबुल में उनकी एक सर्जरी हुई लेकिन डॉक्टर ट्यूमर को हटा नहीं सके और उन्होंने इसी अवस्था में प्रक्रिया को छोड़ दिया. बाद में मरीज को दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल का पता चला तो उन्हें यहां लाया गया. यहां उनकी करीब 10 घंटे की जटिल सर्जरी की गयी और करीब 10 दिन की अवधि के बाद रामोंजी को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है.
अस्पताल के निदेशक महिपाल भनोट के मुताबिक रामोंजी करीब एक सप्ताह बाद अपने देश वापस जा सकते हैं. डॉ. जैन ने बताया कि रामोंजी जैसी समस्या दुर्लभ है जो 10 लाख में तीन से चार रोगियों को होती है. उनके पास साल भर में इस तरह के एक या दो रोगी आते हैं.