नयीदिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने दक्षिण मुंबई स्थित ऐतिहासिक हाजी अली दरगाह के संपर्क मार्ग और उसके निकट 908 वर्ग मीटर क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने केलिए महाराष्ट्र सरकार को आज अंतिम अवसर दिया.
प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने संबंधित प्राधिकारियों को इस अतिक्रमण को हटाने केलिए दो सप्ताह का वक्त देतेहुए डिप्टी कलेक्टर को इस आदेश पर अमल सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
न्यायालय ने यह निर्देश उस वक्त दिया जब इस अतिक्रमण को हटाने केलिए आगे आये हाजी अली ट्रस्ट ने यह कार्य पूरा करने में असमर्थताव्यक्त की. न्यायालय ने दक्षिण मुंबई में कोलाबा जोन के डिप्टी कलेक्टर को यह स्पष्ट कर दिया कि यदि आज से दो सप्ताह के भीतर इस अतिक्रमण को हटाने के आदेश का पालन नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.
न्यायालय ने इस अतिक्रमण को हटाने के दरगाह ट्रस्ट के प्रयासों की नौ मई को सराहना की थी. ट्रस्ट ने शीर्ष अदालत काकड़ा रुख देखतेहुए दरगाह के आसपासबड़े पैमाने पर हुए अतिक्रमण को आठ मई तक स्वेच्छा से हटाने के लिए 13 अप्रैल को न्यायालय से पेशकश की थी.
ट्रस्ट ने यह पेशकश उस वक्त की थी जब न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया था कि 171 वर्ग मीटर क्षेत्र में स्थित दरगाह को ही संरक्षित किया जायेगा जबकि शेष 908 वर्ग मीटर क्षेत्र को अवैध कब्जाधारकों से मुक्त कराया जायेगा.
हाजी अली दरगाह का निर्माण दौलतमंद मुस्लिम व्यापारी सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की स्मृति में किया गया था जिन्होंने हज केलिए मक्का जाने से पहले अपनी सारी दौलत का त्याग कर दिया था.