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गायत्री प्रजापति के घर से बरामद हुए पुराने नोट मामले में जानिए क्या हो सकती है कार्रवाई

UP Latest News Update उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ सकती है. खनन घोटाले को लेकर बीते दिन प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गायत्री प्रजापति के अमेठी वाले घर पर छापेमारी की थी. इस दौरान ईडी की टीम ने जिसमें कुल 11 लाख रुपये के पुराने नोट बरामद हुए हैं. साथ ही ईडी को 5 लाख रुपये के सादे स्टाम्प पेपर, डेढ़ लाख रुपये कैश और सौ से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं.

UP Latest News Update उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ सकती है. खनन घोटाले को लेकर बीते दिन प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गायत्री प्रजापति के अमेठी वाले घर पर छापेमारी की थी. इस दौरान ईडी की टीम ने जिसमें कुल 11 लाख रुपये के पुराने नोट बरामद हुए हैं. साथ ही ईडी को 5 लाख रुपये के सादे स्टाम्प पेपर, डेढ़ लाख रुपये कैश और सौ से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं.

ईडी की कार्रवाई के दौरान गायत्री प्रजापति के अमेठी वाले घर से बरामद पुराने नोट मामले से पूर्व मंत्री पर कानून का शिकंजा बढ़ सकता है. दरअसल, इस मामले में कानून में कार्रवाई का प्रावधान अलग से किया गया है. गौर हो कि पीएम मोदी के 8 नवंबर, 2016 को चलाये गये नोटबंदी अभियान ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के प्रचलन पर रोक लगा दी थी. इसके लिए केंद्र सरकार ने सभी को पुराने नोट जमा कराने के लिए वक्त निर्धारित किया था. उसके बाद भी पुराने नोट को नहीं जमा कराने पर कार्रवाई को लेकर सरकार ने साल 2017 में एक अध्यादेश पारित किया था.

इसके तहत 31 मार्च 2017 के बाद चलन से बाहर हो चुके 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट रखने पर बहुत बड़ा अपराध नहीं माना जाएगा. एसबीएन (द स्पेसीफाइड बैंक नोट्स) एक्ट 2017 की धारा-5 के तहत कोई व्यक्ति चलन से बाहर हुए 10 नोट और रिसर्च स्कॉलर 25 नोट से ज्यादा नहीं रख सकेंगे. हालांकि, किसी के पास चलन से बाहर 10 नोट से ज्यादा बरामद होते हैं तो फिर उसे धारा 5 के तहत दोषी माना जायेगा और उस पर कम से कम 10 हजार रुपये या प्राप्त मुद्रा का पांच गुना जुर्माना लगाया जायेगा. धारा 7 के अनुसार, धारा 5 का उल्‍लंघन दंडनीय है.

अध्‍यादेश की धारा 6 के अनुसार कोई भी व्‍यक्ति जानबूझकर या अनजाने में गलत घोषणा करता है तो उसे दंडित किया जायेगा. इसके तहत दंड की राशि 50,000 रुपये तक या जमा की गयी निर्दिष्‍ट बैंक नोट के अंकित मूल्‍य राशि का 5 गुना जो भी अधिक हो सकती है. धारा 6 और 7 के अनुसार अगर उल्‍लंघन करने पर उसे दोषी माना जाएगा और उसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और दंडित किया जाएगा.

यहां जाने अब तक के अपडेट्स

यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति अभी दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद हैं. साथ ही खनन के पट्टों के आवंटन मे धांधली के आरोप में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की जांच भी चल रही है. इस जांच के सिलसिले में गायत्री प्रजापति और उनके करीबियों पर कई बार छापेमारी हो चुकी है.

बता दें कि यूपी के अवैध खनन मामले की कोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच कर रही है. साथ ही प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले में सक्रिय हुआ है. जानकारी के मुताबिक, इस मामले में जांच एजेंसियों की नजर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव पर भी है. अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 2012 से 2013 तक राज्य के खनन मंत्री रहे हैं. 2012 से 2016 के बीच अवैध खनन हुआ था.

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Upload By Samir Kumar

Prabhat Khabar Digital Desk
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