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आप सपने देखने का साहस करें, उन्हें साकार करने की क्षमता हासिल करें : हरिवंश नारायण सिंह

ये बातें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने शुक्रवार को चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान पटना (सीआइएमपी) के 14वें वार्षिक दीक्षांत समारोह के दौरान कही

-सीआइएमपी का 14वां दीक्षांत समारोह, 118 छात्रों को मिली उपाधि

संवाददाता, पटनाआप सपने देखने का साहस करें. उन्हें साकार करने की क्षमता हासिल करें. आप चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान से पासआउट हो रहे हैं. मुझे यकीन है कि चंद्रगुप्त के बारे में तो सभी पढ़े होंगे. आज जब आप नया जीवन शुरू कर रहे हैं, तो हमेशा याद रखें कि चंद्रगुप्त के जीवन की क्या कठिनाई थी. चंद्रगुप्त मोमेंट क्या था? ये आपके लिए भी चंद्रगुप्त मोमेंट है. मैं कामना करता हूं कि चंद्रगुप्त की तरह आप उठें. चींटी की तरह धैर्य रखें. बिहार के बौद्धिक वृक्ष की तरह और विस्तार प्राप्त करें. जो केवल खुद के लिए नहीं हो बल्कि देश, दुनिया, भारत और पूरी मानवता के लिए हो, जो प्रकाश फैलाता है. ये बातें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने शुक्रवार को चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान पटना (सीआइएमपी) के 14वें वार्षिक दीक्षांत समारोह के दौरान कही. उन्होंने कहा कि सीआइएमपी जैसे संस्थानों की वजह से बिहार में शैक्षणिक उत्कृष्टता और सामाजिक प्रगति की नयी पहचान बनी है. इस मौके पर पीजीडीएम 2023-25 के 115 छात्र, पीजीडीएम 2022-24 के एक छात्र और एफएमपी कार्यक्रम के दो छात्रों को उपाधियां प्रदान की गयीं. समारोह में सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक प्रदर्शन का पुरस्कार ज्योति सिन्हा को और सर्वश्रेष्ठ सर्वांगीण प्रदर्शन का पुरस्कार उज्ज्वल कुमार को दिया गया. इसके अलावा संकाय और कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया, जिसमें सर्वश्रेष्ठ संकाय : प्रो अंकित शर्मा, शोध में सर्वश्रेष्ठ संकाय प्रो कल्याण अग्रवाल और सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी सरोज कुमार को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ राणा सिंह ने छात्रों को बधाई दी और कहा कि सीआइएमपी की सफलता सरकार, संकाय और सभी हितधारकों के सहयोग का परिणाम है. समारोह में छात्रों ने अपने परिजनों और शिक्षकों की मौजूदगी में उपाधियों और पुरस्कारों को ग्रहण किया. कार्यक्रम के अंत में प्रो रंजीत तिवारी ने सभी अतिथियों और सहयोगियों का आभार जताया.

आर्थिक और तकनीकी प्रगति के कारण ही सामाजिक परिवर्तन संभव है

उपसभापति हरिवंश ने कहा कि शिक्षा और ज्ञान-आधारित नवाचार समाज में बदलाव लाने की ताकत रखते हैं. स्टार्टअप से लेकर स्पेस टेक्नोलॉजी तक युवाओं की प्रतिभा ही हमारी ताकत है. आर्थिक और तकनीकी प्रगति के कारण ही सामाजिक परिवर्तन संभव है. इसमें युवा ही दृष्टि ला सकते हैं. भारत की सबसे बड़ी सफलता की कहानी आज हमारे युवा भी लिख रहे हैं. इन्हीं के बलबूते आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको सिस्टम बन गया है. भारत में 1.92 लाख से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स हैं. 118 यूनिकॉर्न आज भारत के स्टार्टअप इको सिस्टम 350 यूएस बिलियन डॉलर का है. लगभग 16.5 लाख नये रोजगार इसने क्रिएट किये. भारत को खुद इनोवेशन और इंटरप्रेन्योरशिप का वैश्विक केंद्र साबित कर दिया. दीक्षांत समारोह में सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक प्रदर्शन और सर्वश्रेष्ठ सर्वांगीण प्रदर्शन के लिए पुरस्कार भी प्रदान किये गये. पीजीडीएम में सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक प्रदर्शन की विजेता ज्योति सिन्हा थीं. पीजीडीएम में सर्वश्रेष्ठ सर्वांगीण प्रदर्शन के विजेता उज्ज्वल कुमार थे.

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