Dhanbad News : झारखंड में कुड़मी को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन और आदिवासी संगठनों द्वारा उसका विरोध किये जाने के बाद झारखंड के पुरोधा बिनोद बिहारी महतो के पुत्र वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर महतो ने बड़ा बयान दिया है. श्री महतो ने बिनोद धाम में प्रभात खबर को बताया कि बिनोद बाबू ने झारखंड के दलित-शोषित व उत्पीड़ित समाज को हक-अधिकार दिलाने और जुल्म के विरोध में आंदोलन चलाया. झारखंड में शिक्षा के विकास के लिए उन्होंने काम किया. उन्होंने शिवाजी समाज का गठन कर कुड़मी समाज में व्याप्त कुरीतियों के विरुद्ध भी आंदोलन चलाया, लेकिन बिनोद बाबू ने कुड़मी जाति को आदिवासी बनाने के लिए कभी आंदोलन नहीं किया. अधिवक्ता श्री महतो ने आगे कहा कि आदिवासी एवं कुड़मी बहुल इस झारखंड राज्य में चालाक तत्वों द्वारा जातीय विद्वेष फैलाने की साजिश रची जा रही है, ताकि झारखंड अशांत रहे और उनकी राजनीति चलती रहे. उन्होंने इससे सतर्क रहने की जरूरत बतायी. श्री महतो ने आगे कहा कि ऐसी साजिश रचने वालों को अगर बेनकाब नहीं किया गया, तो एक दिन झारखंड की स्थिति मणिपुर जैसी हो जायेगी, इसलिए हमें जातीय विद्वेष को भुलाकर झारखंड के विकास के लिए सोचना चाहिए.
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