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यूरिया की किल्लत जारी, खेतों में गिर रहे धान के पौधे

यूरिया की किल्लत जारी, खेतों में गिर रहे धान के पौधे

बारियातू़ इस साल धान की फसल के लिए अनुकूल बारिश हुई, लेकिन प्रखंड के किसान फिर भी मायूस हैं. कारण है यूरिया की भारी किल्लत. धान की फसल में इस समय खाद की सबसे अधिक आवश्यकता होती है ताकि जड़ मजबूत हो सके और पैदावार बेहतर हो. लेकिन प्रखंड के अधिकांश गांव में यूरिया उपलब्ध नहीं होने से किसान परेशान हैं. खेतों में पौधे पीलापन लिए झुकने लगे हैं और फसल बर्बाद होने का डर सता रहा है. किसान जब लैंपस पहुंचते हैं तो ताला लटका पाकर लौट जाते हैं. गोपाल यादव, भुनेश्वर यादव, नरेश उरांव, महेश उरांव, तेतर उरांव, धानेश्वर उरांव, सुखी उरांव, मो साकिर, प्रमोद सिंह सहित कई किसानों ने बताया कि यूरिया नहीं मिलने से धान की पौध सूख रही है. सरकारी दर 266 रुपये प्रति बोरी तय है, लेकिन चोरी-छिपे पांच से छह सौ रुपये तक वसूले जा रहे हैं. प्रखंड में 40-50 खाद-बीज दुकानें संचालित हैं, लेकिन कहीं यूरिया नहीं मिल रहा है. हाल ही में सीओ कोकिला कुमारी ने निरीक्षण कर दुकानदारों को कालाबाजारी न करने की चेतावनी दी थी. इसके बावजूद स्थिति जस की तस है. किसानों ने अंचलाधिकारी और बीडीओ अमित कुमार पासवान से छापामारी अभियान चलाने और खुले बाजार में उचित दर पर यूरिया उपलब्ध कराने की मांग की है. इस संबंध में बीसीओ सुमन कुमार सिंह ने बताया कि बारियातू लैंपस को सौ बोरी यूरिया का आवंटन हुआ है और जल्द ही किसानों को उपलब्ध करा दिया जायेगा.

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