Samastipur News:समस्तीपुर : आधारभूत संरचना विकसित करने व शैक्षणिक सुधार के नाम पर अरबों रुपये खर्च करने के दावे के बीच हकीकत यह है कि बिहार बोर्ड द्वारा जारी 433 इंटरमीडिएट स्तरीय शिक्षण संस्थान में गर्ल्स काॅमन रूम नहीं है. छात्राओं के लिए कॉमन रूम न होने से कई असुविधाएं होती हैं. गर्ल्स काॅमन रूम, छात्राओं को आराम करने, अध्ययन करने, खाली समय में अनौपचारिक चर्चा करने के लिए काफी जरूरी है. बताते चलें कि जिले के अधिकांश इंटरमीडिएट स्तरीय शिक्षण संस्थान को-एजुकेशन के दायरे में आते है. इसके मद्देनजर भी गर्ल्स काॅमन रूम इंटरमीडिएट स्तरीय शिक्षण संस्थान में जरूरी है. गर्ल्स काॅमन रूम की जरूरत को नकारा नहीं जा सकता लेकिन शिक्षा विभाग इसके निर्माण के प्रति सजग नहीं है. शिक्षिकाओं का भी कहना है कि छात्राओं के लिए एक समर्पित कॉमन रूम होना जरूरी है, जो विश्राम और सामाजिक संपर्क के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक स्थान सुनिश्चित करता है. कक्षाओं के बीच में, ये कॉमन रूम बातचीत, हंसी और सौहार्द से भरे हुए गतिविधि के केंद्र बन जाते हैं. संतुलित और समृद्ध अनुभव बनाने के लिए कॉमन रूम अपरिहार्य है. वहीं छात्राओं का कहना है कि सरकारी स्कूलों में छात्राओं से शिक्षण शुल्क के साथ-साथ अन्य कई सुविधाओं के नाम पर भी राशि ली जाती है. विद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं से शिक्षण शुल्क के अलावा नामांकन शुल्क, विकास कोष, विज्ञान प्रयोगशाला, कॉमन रूम, खेलकूद, परीक्षा शुल्क, बिजली शुल्क, निर्धन छात्र कोष, पुस्तकालय, विद्यालय रख-रखाव, परिचय पत्र के नाम पर राशि ली जाती है. इनमें प्रयोगशाला, कॉमन रूम, खेलकूद, पुस्तकालय जैसे मदों में छात्रों द्वारा दी जाने वाली राशि का लाभ नहीं मिल पाता है. अधिकांश विद्यालयों में ये सुविधाएं मौजूद नहीं हैं. ऐसे में ये छात्र अपनी व्यवस्था से पढ़ाई करते हैं या फिर खेलकूद में अव्वल आने का प्रयास करते हैं. विभागीय स्तर पर इन व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, जिसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ता है. सबसे बड़ी बात यह है कि प्रधानाध्यापक भी सब कुछ जानते हुए गर्ल्स काॅमन रूम की जरूरत पर चर्चा नहीं करते. कुछ एचएम का कहना है कि सरकार ने विद्यालयों को उत्क्रमित कर प्लस टू का दर्जा तो दे दिया लेकिन वर्ग कक्ष, खेल का मैदान आदि के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं है. गर्ल्स कॉमन रूम के लाभ छात्राओं को एक सुरक्षित स्थान मिलता है जहां वे आराम कर सकती हैं और अपनी पढ़ाई से ब्रेक ले सकती हैं. यह छात्राओं को सामाजिककरण और संवाद के अवसर प्रदान करता है. यह छात्राओं को विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने और अपने नेतृत्व कौशल विकसित करने का अवसर प्रदान करता है. यह छात्राओं को अपनी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करता है.
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