सीतामढ़ी. रविवार को एक बार फिर से जिले में मौसम का मिजाज बदला है. सुबह से ही आसमान में बादलों का जमावड़ा शुरू हो चुका था, जिसके चलते रविवार को दोपहर तक धूप की लुकाछिपी चलती रही. इस बीच कई इलाकों में बूंदाबांदी और छिटपुट बारिश हुई. बादल और बारिश के चलते बीच-बीच में धुंधली धूप खिलती रही, लेकिन दोपहर बाद शहर और डुमरा समेत आसपास के इलाकों में भी कुछ देर छिटपुट बारिश हुई. इस हल्की बारिश का किसानों को काफी इंतजार था. किसान सुरेंद्र पासवान, नंदलाल सिंह, असर्फी महतो आदि ने बताया कि यह हल्की बारिश भी किसानों को खुशी देने वाली है और धान के पौधों को अमृत के समान नवजीवन देने वाली है. तमाम खेतों में दरारें आ चुकी थीं. किसान पंपसेट व मोटर से खेतों की सिंचाई कर-करके परेशान थे. किसान काफी मेहनत और खर्च कर खेतों की सिंचाई कराकर आते हैं. दो दिन बाद पानी सूख जाता है और खेतों में फिर से दरारें बन जाती हैं. इससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. धान के पौधे पानी में डूबे हों, तभी फसल अच्छी हो पाती है, लेकिन इस बार मानसून की उदासीनता के चलते बारिश न के बराबर हुई है, जिससे खेतों में लगे धान के पौधों की जड़ों को कभी भी उचित मात्रा में पानी नहीं मिल सका है, जिसके चलते धान के पौधे कई प्रकार के रोगों से भी ग्रसित हो रहे थे. ऐसे में यह हल्की बारिश भी किसानों को थोड़ा सुकून और धान की फसलों के लिए जीवनदायिनी है. बारिश के बाद गर्मी से बेहाली का आलम झेल रहे जिलेवासियों को भी फिलहाल राहत मिली है.
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