घोसी
. फल्गु नदी में बाढ़ आने से छह गांवों के किसानों के धान का फसल गल गया है जिससे किसानों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. भारथु मेटरा, तुलसीपुर, मोकमबिगहा, इस्माइलपुर एवं अतियावां गांव के किसान रमेश शर्मा, संजय शर्मा, मनीष कुमार, अनील शर्मा, संतोष कुमार, श्यामजी शर्मा, शशिभूषण शर्मा, पम्पु शर्मा, श्यामकिशोर शर्मा एवं दवेन्द्र सिंह ने बताया कि हम लोगों का खेत में बाढ़ के पानी से धान के फसल पुरी तरह से गलकी मार दिया है जिससे हम लोगों के धान के फसल को काफी क्षति पहुंचा है. अगर सरकार हमलोगों को बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त धान के फसल का मुआवजा समय से नहीं मिला तो हमलोगों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी. साथ ही किसानों ने यह भी बताया कि आने वाले चुनाव में किसान सरकार को भी जवाब अच्छी तरह से दे देगा. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि बाढ़ के पानी घर में घुसने से घर में रखे अनाज भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. इस सिलसिले में मेटरा, भारथु, तुलसीपुर, मोकमविगहा, बिजलीपुर के किसानों ने बताया कि सोलह जुलाई को फल्गु नदी में बाढ़ आने से उतना क्षति तो नहीं हुआ था, पर 23 अगस्त के रात्रि में फल्गु नदी में बाढ़ आने से धान के फसल में गलकी मार दिया. वहीं मछली बह गया जिससे किसानों की कमर टूट गयी है और आने वाले समय में हम सब किसानों को खाने के लिए चावल खरीद कर खाना पड़ेगा. किसानों ने बताया कि आज तक हम लोगों के गांव जाने बाली सड़क मार्ग को सुचारू रूप से आवागमन बहाल नही होने से आने जाने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि झूनकी-सुकियावां सड़क के ललसहिया पुल के समीप से मेटरा गांव के पहुंच पथ तीन जगहों पर टुट गया था. प्रशासन की ओर पगडंडी की तरह सड़क को बना दिया गया है जिससे पैदल तो आदमी आ सकता है. बाइक भी किसी तरह पहुंच जाता है पर किसी व्यक्ति को रात में अगर तबीयत बिगड़ने पर दो किलोमीटर खाट पर लाकर मेन रोड पर फोर विह्वलर से लाद कर ले जाना पड़ेगा. इस तरह का हाल मोकमबिगहा रोड़ का भी है.
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