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ढिबरा थाने के जमादार निलंबित, अपर थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण

बालूगंज बाजार में पुलिस के खिलाफ व्यवसायियों के किये गये आंदोलन व बाजार बंद का असर, एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट पर एसपी ने की कार्रवाई, बिना घटनास्थल का अवलोकन किये थानेदार ने दर्ज की थी प्राथमिकी

बालूगंज बाजार में पुलिस के खिलाफ व्यवसायियों के किये गये आंदोलन व बाजार बंद का असर

एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट पर एसपी ने की कार्रवाई

बिना घटनास्थल का अवलोकन किये थानेदार ने दर्ज की थी प्राथमिकी

औरंगाबाद/ देव. पिछले दिनों देव प्रखंड के बालूगंज बाजार में पुलिस के खिलाफ व्यवसायियों द्वारा किये गये आंदोलन व बाजार बंद के मामले में ढिबरा थाने के सहायक अवर निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया गया है. यही नहीं ढिबरा थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष पवन कुमार से स्पष्टीकरण पूछा गया है. इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी. ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले बालूगंज बाजार में बाइक हटाने को लेकर जयप्रकाश कुमार नामक व्यक्ति और जमादार धर्मेंद्र यादव के बीच बहस हो गयी थी. देख्ते-देखते मामला तूल पकड़ लिया था. सहायक अवर निरीक्षक धर्मेंद्र यादव के खिलाफ लोगों में आक्रोश उत्पन्न हो गया. दो दिनों तक बाजार बंद रहा. सड़क जाम कर लोगों ने आगजनी की. अंतत: अनुमंडल पदाधिकारी संतन कुमार सिंह की अध्यक्षता में आमलोगों और व्यवसायियों की बैठक हुई. समझाने-बुझाने के बाद लोग किसी तरह शांत हुए. इस मामले में पुलिस की ओर से प्राथमिकी दर्ज करायी गयी, जिसमें 11 लोगों को नामजद और कई लोगों को अज्ञात आरोपित बनाया गया. व्यवसायी प्राथमिकी में निर्दोष को आरोपित बनाये जाने का आरोप लगा रहे थे. बहरहाल मामले की जांच शुरू हुई.

एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ ने की जांच

बालूगंज बाजार बंद और पुलिस पर लगे आरोपों पर एसपी अंबरीश राहुल ने सदर एसडीपीओ दो चंदन कुमार को जांच का जिम्मा सौंपा. जांच हुई तो सहायक अवर निरीक्षक धर्मेंद्र यादव दोषी पाये गये. वैसे अपर थानाध्यक्ष पवन कुमार द्वारा जमादार धर्मेंद्र यादव के लिखित आवेदन पर जो प्राथमिकी दर्ज की गयी, उस पर भी जांच में सवाल खड़ा हुआ.

कैसे हुई कार्रवाई

सदर एसडीपीओ दो चंदन कुमार ने बताया कि 17 सितंबर को ढिबरा थाना क्षेत्र के बालूगंज बाजार में गश्ति के क्रम में सहायक अवर निरीक्षक धर्मेंद्र यादव द्वारा की गयी कृत कार्रवाई के विरोध में स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिससे विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई. अपर थानाध्यक्ष व पुलिस अवर निरीक्षक पवन कुमार द्वारा धर्मेंद्र यादव के आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गयी. इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने संज्ञान लेते हुए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर-दो को जांच कर जांचोपरांत जांच प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया. एसडीपीओ द्वारा 24 सितंबर को इस संदर्भ में अपना जांच प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक को समर्पित किया, जिसमें सहायक अवर निरीक्षक धर्मेंद्र यादव को दोषी पाया गया तथा अपर थानाध्यक्ष पवन कुमार द्वारा घटना का पूर्व सत्यापन किये बिना ही प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी थी. एसडीपीओ के जांच प्रतिवेदन में आये तथ्यों व साक्ष्यों की विवेचना के आधार पर दोषी पाते हुए पुलिस अधीक्षक द्वारा सहायक अवर निरीक्षक धर्मेंद्र यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. साथ ही तत्कालीन ढिबरा थानाध्यक्ष पवन कुमार से विभागीय कार्रवाई के विरुद्ध स्पष्टीकरण की मांग की गयी. पुलिस कार्यालय द्वारा बताया गया कि आगे की कार्रवाई की जा रही है.

पारदर्शी पुलिसिंग का उदाहरण पेश करे पुलिस कर्मी : एसपी

एसपी अंबरीश राहुल ने कहा कि ढिबरा थाना क्षेत्र के बालूगंज बाजार में हुई घटना के मामले में सहायक अवर निरीक्षक धर्मेंद्र यादव को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही प्रभारी थानाध्यक्ष के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के आलोक में स्पष्टीकरण किया गया है. एसपी ने यह भी कहा कि औरंगाबाद पुलिस यह स्पष्ट करती है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही, आदेश उल्लंघन अथवा अनुशासनहीनता को कदापि बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. पुलिस बल के प्रत्येक पदाधिकारी व कर्मियों से अपेक्षा है कि वे कानून व्यवस्था की रक्षा, आमजन की सुरक्षा व पारदर्शी पुलिसिंग के प्रति पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करेंगे.

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