लोहरदगा. एमबी डीएवी विद्यालय में प्राचार्य जीपी झा के नेतृत्व व निर्देशन में शिक्षक दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कहा गया कि भारत एक ऐसा देश है, जहां शिक्षकों का दर्जा सबसे ऊपर है. प्राचीन काल में शिक्षक को गुरु कहा जाता था. गुरु वह व्यक्ति होता है जो हजारों छात्रों के जीवन को प्रकाशमय बनाता है. संस्कृत में गुरु का शाब्दिक अर्थ अंधकार को दूर करने वाला होता है. इसीलिए भारतीय परंपरा में गुरु को सर्वोच्च महत्व और सम्मान दिया जाता है. विद्यार्थियों को गुरु और शिष्य के पावन संबंध की अनुभूति कराने तथा शिक्षक दिवस पर उन्हें सम्मान देने की परंपरा को बनाये रखने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्पार्जन कर किया गया. शिक्षिका ज्योति पांडे के साथ छात्रा शुभांगिनी श्रेया व आशुतोष कुमार द्वारा मंच संचालित किया गया. संगीत शिक्षक श्रवण कुमार पाठक द्वारा विद्यार्थियों के साथ संगीत प्रस्तुत किया गया. इनके अतिरिक्त शिक्षक परमित कुमार, शितेश कुमार पाठक, ए एन झा, रुचिर मृगेंद्र तथा अमृत बरेक द्वारा भी संगीत प्रस्तुत किया गया. छात्र आर्यन वर्मा ने शिक्षक दिवस पर आधारित भाषण प्रस्तुत किया. छात्रा आरुषि लकड़ा, प्रियांशु कुमार व आदित्य गुप्ता ने मधुर गीत गाया. शिक्षक यूसी दास ने अपने भाषण में न सिर्फ भारत में अपितु अन्य देशों में भी शिक्षकों के महत्व से परिचय करवाया.
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