साधना की मिसाल प्रतिनिधि, हंसडीहा श्री श्री 108 वैष्णवी दुर्गा मंदिर हंसडीहा में इस वर्ष शारदीय दुर्गापूजा का 45वां वर्ष है. साढ़े चार दशक पूर्व मंदिर निर्माण की नींव रखी गयी थी. 1981 में पहली बार प्रतिमा स्थापित कर पूजा की शुरुआत हुई थी. इसके पहले हंसडीहा के लोग पगवारा स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में पूजा-अर्चना करते थे. इस बार नवरात्र में अनोखी साधना देखने को मिली. हंसडीहा गोड्डा रोड निवासी 30 वर्षीय सोनी कुमारी ने पहली बार शरीर के मध्य पट पर कलश स्थापित कर मां दुर्गा की साधना शुरू की है. सोनी के पिता बेचन मंडल व माता सरिता देवी ने बताया कि दो वर्ष से मां दुर्गा स्वप्न में आकर कलश स्थापना की प्रेरणा दे रही थीं. बीते वर्ष जगह न मिलने के कारण साधना नहीं हो सकी थी. इस बार समिति ने मंदिर बरामदे में स्थान दिया, जहां सोनी ने प्रथम पूजा में ही कलश स्थापित किया है. दशमी को कलश का विसर्जन होगा. सोनी के भाई शालीग्राम कुमार ने बताया कि साधना के दौरान वह केवल जल और फल के रस पर रहती हैं. मंदिर समिति के वरिष्ठ सदस्य रघुवीर शर्मा ने कहा कि मंदिर में पहली बार इस तरह की आस्था का अद्भुत दृश्य देखने को मिल रहा है. प्रकाश जायसवाल ने भी मां वैष्णवी से साधना की सफलता की प्रार्थना की.
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