खरसावां.
कुचाई के प्रसिद्ध शिव मंदिर परिसर में गुरुवार को वैशाख संक्रांति पर अहले सुबह शिवभक्तों ने हठ भक्ति की. भक्तों ने बुधवार से उपवास रखकर मंदिर परिसर में भैरव नाथ की पूजा की. आराध्य देव से मांगी मन्नत पूरी होने पर दहकते अंगारों में नंगे पांव चले. ढोल व नगाड़े की थाप पर अंगारों पर चलने वालों में महिलाएं भी शामिल रहीं. इसके पूर्व स्थानीय जलाशयों से कलश लेकर पहुंचीं और भगवान शिव का जलाभिषेक किया. भक्ति की शक्ति देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. गोपाल चंद्र तिवारी ने मंदिर में पूजा- अर्चना की. इस दौरान सुजन सिंह सोय, विष्णु सोय, गोपी सोय, अक्षय महतो, दिनेश महतो, विष्णु महतो, सामु सोय, दुलरी हेंब्रम समेत दर्जनों भोक्ताओं ने हठभक्ति की परंपरा निभायी. कुचाई में 208 साल पुरानी है परंपरा : कुचाई शिव मंदिर परिसर में आग पर चलने की परंपरा 208 साल पुरानी है. 13 मई 1817 में मंदिर की स्थापना हुई. यहां हर वर्ष वैशाख संक्रांति पर हठ भक्ति दिखाते हैं. भोक्ताओं की मानें, तो शरीर को कष्ट देने से सुकून मिलता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है