Rourkela News: राउरकेला के कोयलनगर में लंबे समय से जारी मनोरंजन पार्क का निर्माण अब राउरकेला स्मार्ट सिटी लिमिटेड (आरएससीएल) के जिम्मे आगे बढ़ेगा. इस परियोजना का काम पहले ओडिशा वन विकास निगम (ओएफडीसी) के अधीन था, जिसने 2021 में कोयल इंटेक वेल के पास 34 एकड़ भूमि पर पार्क के निर्माण शुरू किया था. शुरुआत में इसे नवंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन विभिन्न कारणों से काम में विलंब हुआ.
ओएफडीसी ने 2021 में शुरू किया था काम, 2023 तक होना था पूरा
ओडिशा वन विकास निगम (ओएफडीसी) के मंडल प्रबंधक विश्वजीत राउत ने स्पष्ट रूप से कहा कि एफडीसी अब इस परियोजना से जुड़ा नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्क में बहुत कम काम बचा है. हम इस परियोजना से हट गये हैं. उन्होंने आगे कहा कि अब इसे पूरा करने की जिम्मेदारी आरएससीएल की है. ओएफडीसी को कोयल इंटेक वेल के पास 34 एकड़ जमीन पर बने इस मनोरंजन पार्क के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया था. ओएफडीसी ने 2021 में इस परियोजना पर काम शुरू किया था. यह परियोजना नवंबर 2023 तक पूरी होनी थी. विवाह मंडप, योग मंच, दो बड़े तालाब आदि जैसी कई सुविधाओं वाले इस विशाल पार्क की शुरुआती लागत 22 करोड़ रुपये थी. इसका उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा किया जाना था. चुनाव से पहले राउरकेला विधायक शारदा नायक ने इस बारे में बात करते हुए कहा था कि इसका उद्घाटन हमारे मुख्यमंत्री महोदय नवंबर में तय कार्यक्रम के अनुसार करेंगे और यह समय पर पूरा हो जायेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि चूंकि यह समय पर पूरा हो जायेगा, इसलिए परियोजना की लागत में कोई वृद्धि नहीं होगी.
परियोजना लागत बढ़कर 32 करोड़ रुपये हुई
कोयल नगर में पार्क के निर्माण में देरी हुई और फिर मोहन चरण माझी के नेतृत्व में राज्य में नयी सरकार सत्ता में आयी. बाद में पता चला कि नयी सरकार नवंबर महीने में इसका उद्घाटन करने की योजना बना रही थी. इस बीच, परियोजना की लागत बढ़कर 32 करोड़ रुपये हो गयी है. ओएफडीसी ने फिलहाल इस परियोजना से खुद को अलग कर लिया है. सूत्रों की माने, तो ओएफडीसी ने परियोजना से इसलिए हाथ खींच लिया क्योंकि सरकार अतिरिक्त लागत वहन करने में आनाकानी कर रही थी. अंततः अब इसे पूरा करने की जिम्मेदारी आरएससीएल की है.
बीजद और कांग्रेस ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
बीजद प्रवक्ता जयंत मिश्रा ने कहा कि यह सरकार कुछ भी नया शुरू करने में असमर्थ है. ऐसा लग रहा है कि यह हमारी सरकार द्वारा छोड़ी गयी अधूरी परियोजनाओं को पूरा करना या छूना भी नहीं चाहती. यह वास्तव में एक बहुत बुरा संकेत है. पीसीसी समन्वयक ज्ञानेंद्र दास ने कहा कि डबल इंजन सरकार यही कर रही है. राउरकेला पहले भी उपेक्षित रहा और राज्य में डबल इंजन की सरकार आने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया.
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