छपरा. विधि मंडल के प्रांगण में बिहार राज्य विधिक परिषद के सदस्य योगेश चंद्र वर्मा ने अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार द्वारा 2024 के बाद पंजीकृत किये गये अधिवक्ताओं को छात्रवृत्ति के रूप में पांच हजार रुपये तीन साल तक सरकार द्वारा देने के आदेश का स्वागत अधिवक्ता समाज करता है.वर्षों से इस विषय पर अधिवक्ताओं द्वारा मांग की जा रही थी. उन्होंने कहा कि इस योजना के शुरू हो जाने से अब बिहार के भी अच्छे विश्वविद्यालय से पढ़ने वाले विद्यार्थी प्रैक्टिस करने के लिए आयेंगे. क्योंकि, नये अधिवक्ताओं को रुपये की आवश्यकता होती है और वह विधि व्यवसाय में शुरुआत के दो से तीन साल तक नये अधिवक्ताओं की आमदनी नहीं के बराबर रहती है, जिससे वह पढ़ने के पश्चात कारपोरेट जगत में नौकरी के लिए चले जाते थे. उन्होंने सरकार से मांग की कि 60 साल से अधिक उम्र के अधिवक्ताओं को भी पेंशन स्कीम तथा महिला अधिवक्ताओं को भी विशेष व्यवस्था सरकार द्वारा करनी चाहिए. विशेष तौर पर उन्होंने अधिवक्ताओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण में अतिशीघ्र एडवोकेट एक्ट को सरकार द्वारा लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा कि वाराणसी में घटित अधिवक्ता के साथ पुलिस द्वारा मारपीट का मामला दुखद है. इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार देश के अन्य प्रांतों और जिलों में भी हो रहा है यह दुखद है. उन्होंने कहा कि बिहार में अभी विधानसभा के चुनाव होने को है. बिहार डेमोक्रेसी का इतिहास रचने वाला राज्य है. इसलिए सरकार से उन्होंने मांग की की सभी चुनाव में पंचायती स्तर से लेकर विधानसभा लोकसभा चुनाव में अधिवक्ताओं को 25 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए. कार्यक्रम में छपरा विधि मंडल के महामंत्री अमरेंद्र कुमार सिंह, अधिवक्ता संजय कुमार मिश्रा, सुमन कुमार पांडे, उमेश सिंह, निर्मल कुमार श्रीवास्तव, विधि मंडल के कार्यकारिणी के सदस्य सहित सैकड़ों अधिवक्ता उपस्थित थे.
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