चिंता. वैकल्पिक व्यवस्था न होने व खून न मिलने से लोग परेशान
04 नवंबरफोटो संख्या-12
कैप्शन- ब्लड बैंक पाकुड़, एलिसा मशीन, सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र कुमार मिश्रासानू दत्ता, पाकुड़. सुरक्षित रक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए झारखंड सरकार ने राज्य के सभी ब्लड बैंकों में रैपिड किट जांच पर रोक लगाकर एलिसा टेस्ट को अनिवार्य किया है, लेकिन पाकुड़ का ब्लड बैंक पिछले चार दिनों से ठप पड़ा है, क्योंकि वहां की एलिसा मशीन खराब है. परिणामस्वरूप रक्तदान और रक्त वितरण दोनों बंद हैं, जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है. अस्पताल में भर्ती थैलेसीमिया, गर्भवती महिला और गंभीर एनीमिया से पीड़ित मरीजों के परिजन खून के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. सदर प्रखंड के नाजमी आलम ने बताया, मेरी गर्भवती बहन को प्रसव के दौरान खून की जरूरत थी, जब ब्लड बैंक गए तो बताया गया कि मशीन खराब है, इसलिए खून नहीं दिया जा सकता. अब भी खून उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. खून के लिए पश्चिम बंगाल भी गए पर वहां भी दूसरे राज्य में मरीज का इलाज चल रहा है कहकर रक्त उपलब्ध नहीं कराया गया है. अब मरीज को बंगाल ही शिफ्ट करने का सोच रहे हैं. ब्लड बैंक कर्मियों ने बताया कि मशीन खराब होने की जानकारी संबंधित विभाग को भेज दी गयी, लेकिन अब तक कोई तकनीकी टीम नहीं पहुंची है. स्थानीय समाजसेवियों ने आरोप लगाया कि जब सरकार ने रैपिड किट जांच पर रोक लगा दी है, तो फिर एलिसा मशीन के रखरखाव और बैकअप व्यवस्था क्यों नहीं की गई. उन्होंने कहा कि यह लापरवाही रक्त सुरक्षा और मरीजों की जान दोनों के साथ खिलवाड़ है. लोगों ने मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग तुरंत एलिसा मशीन की मरम्मत कराए और भविष्य में वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करे, ताकि किसी मरीज की जान मशीन के भरोसे न रहे.
बोले सीएस
एलिसा मशीन तकनीकी खराबी के कारण फिलहाल रक्त जांच की प्रक्रिया अस्थायी रूप से बाधित है. तकनीशियन को बुलाया गया है. जल्द ही मशीन को दुरुस्त कर कार्य फिर से प्रारंभ कर दिया जायेगा.
-डॉ सुरेंद्र कुमार मिश्रा, सिविल सर्जनडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

