पत्थलगड्डा. प्रखंड के नावाडीह बाजोबार में 61 वर्षो से दुर्गा पूजा होता आ रहा है. यहां पूजा की शुरुआत वर्ष 1964 में हुई. गांव के कोलकाता में काम करनेवाले कुछ दिहाड़ी मजदूरों ने यहां पूजा की शुरुआत की थी. यहां पहली बार 25 पैसे की लागत से पूजा की शुरू की गयी. इसके बाद धीरे-धीरे इसका स्वरूप बढ़ता गया. अब पूजा के आयोजन में 10 लाख रुपये का खर्च होता है. भव्य पूजा पंडाल के अलावा आकर्षक लाइटिंग यहां की जाती है. स्थानीय कलाकारों की ओर से प्रत्येक वर्ष नाटक का मंचन होता है. 1978 से यहां नाटक की शुरुआत हुई. यहां धार्मिक व सामाजिक नाटक प्रस्तुत किये जाते हैं. समिति के अध्यक्ष सह पूर्व मुखिया मेघन दांगी ने बताया कि पूजा में नावाडीह के अलावा बाजोबार, डमोल, जगरनाथी, चौथा, बोगासड़म, कसियाडीह, अंबाडीह, तिलरा समेत कई गांव के लोग सहयोग करते हैं. इस बार आकर्षक पंडाल का निर्माण हो रहा है. सुबह-शाम महाआरती में श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है. पूजा को सफल बनाने में समिति के सचिव भुवनेश्वर प्रसाद, कोषाध्यक्ष मनराज दांगी, अशोक साव के अलावा राजेश दांगी, रघुवीर दांगी, तारकेश्वर राणा, महावीर प्रसाद, हरिनारायण मिश्रा, गोवर्धन राणा, महादेव राणा, रामा दांगी, उमेश यादव, विश्वजीत दांगी, दिगंबर प्रसाद समेत उक्त गांव के सभी लोग लगे हुए हैं. इसके अलावा प्रखंड के पत्थलगड्डा सुभाष चौक, नोनगांव, लेंबोइया मंदिर में प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जा रही है.
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