छपरा. सारण जिले ने कालाजार उन्मूलन के लक्ष्य को न केवल हासिल किया है बल्कि लगातार तीन वर्षों तक इसे सस्टेन भी रखा है. यह उपलब्धि जिले को कालाजार मुक्त बनने की ओर अग्रसर कर रही है. इस सफलता को और मजबूत करने तथा किसी भी संभावित संक्रमण को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अब गहन सक्रिय खोज अभियान की शुरुआत की है. यह अभियान विशेष रूप से उन 72 गांवों में केंद्रित है, जहां पिछले एक दशक 2015–2025 में कालाजर के मामले दर्ज किये गये थे. इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ पिरामल फाउंडेशन भी सहयोग कर रहा है. अभियान का मुख्य उद्देश्य है पूर्व में रिपोर्ट हुए मरीजों का फॉलो-अप करना, नये संदिग्ध मामलों की पहचान करना और गांव स्तर पर सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करना. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने इस अभियान में ग्रामीण समुदाय को भी सक्रिय भागीदार बनाया है. प्रमुख सूचनादाताओं जैसे ग्रामीण स्वास्थ्य प्रैक्टिशनर पंचायती राज प्रतिनिधि तथा अन्य सामुदायिक नेताओं से बैठक की जा रही है ताकि कोई भी संदिग्ध लक्षण वाला व्यक्ति छूट न जाये. यह कदम पारदर्शिता और प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने में सहायक है. निगरानी और पारदर्शिता अभियान की दैनिक रिपोर्ट राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (कालाजार) को भेजी जा रही है. जिससे न केवल कार्य की गति पर नजर रखी जा सके बल्कि जरूरत पड़ने पर तत्काल सुधारात्मक कदम भी उठाए जा सकें. स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि यह व्यवस्था जिला स्तर पर अभियान की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाये रखेगी. कालाजार मुक्त सारण की ओर से विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस तरह की सक्रिय खोज और फॉलो-अप की प्रक्रिया सतत रूप से जारी रही तो सारण जिला आने वाले समय में बिहार के कालाजार मुक्त जिलों की सूची में शामिल हो जायेगा.
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