अरवल.
जिले में पुराने हो चुके पुल-पुलिया देखरेख के आभाव में जर्जर होते जा रहे हैं. पुल निर्माण होने से इन नौ पुलों के निर्माण हो जाने से अवगमन कि सुविधा बढ़ेगी और लोंगो के आने जाने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. वैसे तो जिला में पुराने हो चुके पुल-पुलिया देखरेख के आभाव में जर्जर होते जा रहे हैं. वैसे तो जिला के दर्जनों पुल पुलिया का खस्ता हाल हैं. और कई पुल. पुलिया हादसे का आमंत्रण दें रही हैं. कई पुलों का पुल का रेलिंग एक वर्ष से दोनों तरफ टूटा हुआ हैं. लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण सूचना देने के बाद भी पुल का रेलिंग को बनाया नहीं गया. पुल की रेलिंग टूटी होने के कारण अक्सर गिरने का खतरा बना बुआ रहता हैं. इन पुलों से हजारों गाड़ियों का अवागमन होता हैं. पुल के बाद खतरनाक मोड़ भी हैं. जहां पर अक़्सर दुर्घटना भी होती हैं. लेकिन इसके बाबजूद विभागीय अधिकारियो कि लापरवाही के कारण पुल का रेलिंग नहीं बन पाया हैं. जिसके कारण पुल से निचे गिरने का भय वाहन चालकों को बना रहता हैं.
ये पुल भी हैं खतरनाक : सदर सदर प्रखंड के पटना औरंगाबाद नहर रोड पर मदन सिंह के टोला जाने वाली पुल, नहर पर ही हरदिया के पास पुल का रेलिंग टूटा हुआ है. करपी प्रखंड के रामपुर नाले पर बना पुल का रेलिंग एक साल से टुटा हुआ हैं, इमामगंज करपी मुख्य सड़क पर सहदेव कॉलेज के पास पुल, कलेर प्रखंड के बेलसार मुख्य नहर पर बने पुल पर सुरक्षा दीवार नहीं होने से हमेशा खतरा बना रहता है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी पुरानी पुलियाओं पर रेलिंग और सुरक्षा दीवार नहीं होने से बाइक सवार गिरकर घायल हो रहे हैं. इसके बावजूद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
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