कतार में लगे मरीजाें ने किया हंगामा
की मांग-व्यवस्था में भी कराएं सुधारवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
सदर अस्पताल में बनाये गये मॉडल अस्पताल में लिंक फेल होते रहने से मरीजों को बहुत परेशानी हुई. उन्हें इलाज कराने में मशक्कत करनी पड़ी. हर 10वें मिनट पर लिंक फेल हो जा रहा था. ऐसे में आजिज आकर मरीजों ने हंगामा किया और व्यवस्था दुरुस्त कराने की मांग की.पर्ची काटने में 20 मिनट से अधिक का समय लग रहा था. कर्मचारियों का कहना था कि लिंक आ-जा रहा है. इससे पर्ची काटने में परेशानी हो रही है. मरीज जांच कराने के लिए दूसरी पाली में ओपीडी का इंतजार करते रहे. शाम की ओपीडी में दर्जनों मरीजों का इलाज हुआ.अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार का कहना है कि सर्वर यहां से नहीं जुड़ा हुआ है. मुख्यालय से ही सर्वर काम करता है.:::::::::::::::::::::::::::::::::::
आई ओपीडी में आंखों की एलर्जी वाले मरीज ज्यादा
मुजफ्फरपुर.
गर्मी बढ़ते ही आंखों में समस्याएं बढ़ने लगी हैं.ज्यादातर मरीज आंखों की एलर्जी के मिल रहे हैं. सदर अस्पताल की आइओपीडी में आनेवाले दस मरीजों में से पांच एलर्जी से परेशान हैं.सदर अस्पताल की डाॅ नीतू कुमारी ने बताया कि एलर्जी की ज्यादा दिक्कत है. गर्मी के सीजन में सूर्य की तेज किरण (अल्ट्रा वायलेट) के कारण आंखों पर खतरा बना रहता है. ज्यादा लापरवाही से आंख खराब होने की आशंका भी रहती है. मोतियाबिंद, मैकुलर डीजनरेशन व टेरेजियम जैसे नेत्र रोग हो सकते हैं. मोतियाबिंद आँख के लेंस का धुंधला हो जाना है. मैकुलर डीजनरेशन रेटिना के एक भाग का क्षरण है और टेरेजियम आँख के कॉर्निया का एक प्रकार का विरूपण है. ये सभी नेत्र रोग दृष्टि को प्रभावित कर सकते हैं.ज्यादा देर पंखे में रहना भी ठीक नहीं
गर्मी में ज्यादा देर पंखे में रहने के कारण ड्राई आइ की भी समस्या होती है. खुले में ज्यादा देर घूमने वालों की आंखों पर ज्यादा खतरा रहता है. बड़ों की अपेक्षा बच्चे ज्यादा देर तक धूप में घूमते-खेलते रहते हैं. उनकी आंखों पर भी असर पड़ता है. इसके लिए लोगों को आंखों को बचाने के लिए उचित उपाय करने चाहिये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है