-एक
से सात सितंबर तक दम्पति सम्पर्क सप्ताह,
08 से 20 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा
किशनगंज
भारत सरकार और राज्य सरकार का मानना है कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति तभी संभव है जब समाज में परिवार नियोजन की सेवाएं सभी परिवारों तक सुलभ हों. तेजी से बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए आवश्यक है. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए जिले में मिशन परिवार विकास अभियान के अंतर्गत एक से सात सितंबर तक दम्पति सम्पर्क सप्ताह और आठ से 20 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा. सिविल सर्जन ने कहा कि परिवार नियोजन सेवाएं केवल गर्भनिरोधक साधनों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह महिलाओं के स्वास्थ्य, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी और आर्थिक स्थिरता की दिशा में एक व्यापक पहल है. इस अभियान के जरिए सरकार चाहती है कि प्रत्येक दम्पति को सही परामर्श मिले और वे अपने परिवार का आकार अपनी क्षमता और संसाधनों के अनुसार तय कर सकें. सरकार की अपेक्षा है कि पंचायत प्रतिनिधि, स्थानीय निकाय, स्वास्थ्यकर्मी और समाज के सभी वर्ग मिलकर इसे एक सामाजिक आंदोलन का रूप दें.जागरूकता ही असली शक्तिजिला पदाधिकारी विशाल राज ने कहा कि यह अभियान जिले के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके माध्यम से समाज में संतुलित जनसंख्या और संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण संभव होगा. उन्होंने कहा कि मिशन परिवार विकास अभियान केवल स्वास्थ्य विभाग का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह समाज की साझा जिम्मेदारी है. पंचायत प्रतिनिधियों, जीविका दीदी, आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं तथा स्वयंसेवी संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी से यह अभियान सफल होगा.
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि इस बार पखवाड़े को लक्ष्य आधारित बनाया गया है. साथ ही पीएसआई एवं सिफ़ार जैसी संस्थाओं की भी अहम भूमिका होगी. ये संस्थाएं डिजिटल प्लेटफॉर्म, मीडिया चैनलों और सामुदायिक स्तर पर आईईसी/बीसीसी गतिविधियों के माध्यम से प्रचार-प्रसार करेंगी.परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के लिए जिले का लक्ष्य तय किया गया है. जिसमें महिला नसबंदी 595, पुरुष नसबंदी 45, कुल नसबंदी लक्ष्य: 640, ब्लॉक स्तर पर महिला नसबंदी (60 प्रति ब्लॉक): 420, ब्लॉक स्तर पर पुरुष नसबंदी (5 प्रति ब्लॉक): 35, रेफरल महिला नसबंदी 65, पुरुष नसबंदी 10, कुल लक्ष्य: 715. इन लक्ष्यों की पूर्ति के लिए बहादुरगंज, कोचाधामन, पोठिया, ठाकुरगंज, दिघलबैंक, टेढ़ागाछ, किशनगंज, एफआरयू चकला और जिला अस्पताल किशनगंज को जिम्मेदारी दी गई है.
समुदाय स्तर पर व्यापक भागीदारी
जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनजिम ने कहा कि अभियान के दौरान आशा, आंगनबाड़ी सेविकाएं, जीविका दीदी, विकास मित्र और पंचायत प्रतिनिधियों को सक्रिय भूमिका दी जाएगी. ये लोग घर-घर जाकर परामर्श देंगे.अभियान के प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर दिया जाएगा. इसके तहत सभी स्वास्थ्य संस्थानों और पंचायत स्तर पर पोस्टर, दीवार लेखन और डिजिटल माध्यम से संदेश प्रसारित किए जाएंगे. इसके आधार पर प्रतिदिन प्रगति की समीक्षा भी होगी.
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