इस बार शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा गजराज पर सवार होकर आयेंगी और सुख समृद्धि लायेगी. 22 सितंबर सोमवार को मध्य रात्रि 12:28 बजे आश्विन माह शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि की शुरुआत होगी और वहीं, 23 सितंबर को देर रात 06 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के कारण 22 सितंबर को ही पहली पूजा और कलश स्थापना होगी. चतुर्थी तिथि में वृद्धि के कारण नवरात्रि 10 दिन का पंडित समीर मिश्रा ने बताया कि इस बार शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से प्रारंभ होगा. समापन एक अक्तूबर को होगा. चतुर्थी तिथि में वृद्धि के कारण नवरात्र नौ की बजाय 10 दिन के होंगे. नवरात्र में हर बार मां दुर्गा अलग-अलग सवारी से पृथ्वी लोक पर आगमन व प्रस्थान करती हैं. इस शारदीय नवरात्रि मां भगवती हाथी यानी गजराज पर सवार होकर आयेंगी. नवरात्रि की शुरुआत सोमवार से होने के कारण मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आयेंगी और हाथी पर ही प्रस्थान करेंगी. नवरात्रि में मां के हाथी पर आगमन और प्रस्थान को धार्मिक रूप से बहुत शुभ माना जाता है, जो सुख, समृद्धि और अच्छे फल का संकेत देता है. पंडित अंजनी शर्मा ने बताया कि 22 सितंबर सोमवार को मध्य रात्रि 12:28 बजे आश्विन माह शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि की शुरुआत होगी. वहीं, 23 सितंबर को देर रात 06 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी. सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है. ऐसे में सोमवार 22 सितंबर के दिन से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी. वहीं, एक अक्तूबर को शारदीय नवरात्र की नवमी होगी, जबकि दो अक्तूबर को दशहरा यानी विजयादशमी है. 22 सितंबर सोमवार : पहली पूजा पर मां शैलपुत्री स्वरूप की पूजा 23 सितंबर मंगलवार : दूसरी पूजा मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा 24 सितंबर बुधवार : तीसरी पूजा मां चंद्रघंटा स्वरूप 25 सितंबर गुरुवार : चौथी पूजा पर मां कुष्मांडा स्वरूप 26 सितंबर शुक्रवार : चौथी पूजा पर मां कुष्मांडा स्वरूप 27 सितंबर शनिवार : पंचमी पूजा पर मां स्कंदमाता 28 सितंबर रविवार : षष्ठी पूजा पर कात्यायनी स्वरूप 29 सितंबर सोमवार : सप्तमी पूजा पर कालरात्रि स्वरूप 30 सितंबर मंगलवार : अष्टमी पर मां महागौरी की पूजा 01 अक्तूबर बुधवार : नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा 02 अक्तूबर गुरुवार : विजयदशमी (दशहरा) मनाया जायेगा सुबह 6:09 बजे कलश स्थापना का है शुभ मुहूर्त शारदीय नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर से होगी. इस दिन घटस्थापना मुहूर्त सुबह 06 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक है. इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना कर सकते हैं. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक है. साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं.
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