सीतामढ़ी. शहर के बाजार समिति परिसर स्थित हनुमान मंदिर परिसर में रविवार को राधा अष्टमी के अवसर पर महंत राज नारायण दास के सानिध्य में श्री अयोध्या धाम से पधारे हुए कथा व्यास केशव दास जी महाराज द्वारा संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह का शुभारंभ हुआ. कथा प्रतिदिन दोपहर दो से संध्या पांच बजे तक होता है. रविवार को कथा का आरंभ श्री गणेश वंदना एवं हनुमान चालीसा के श्री गुरु चरण सरोज रज निज मन मुकुरू सुधार से हुआ. मुख्य यजमान मनोज चौधरी ने रामायण व श्रीमद्भागवत कथा की आरती की. कथावाचक ने कहा कि मिथिलापुरी अयोध्या का मस्तक है, वाराणसी भगवान के नाक व हरिद्वार को भगवान का हृदय कहा गया है. भगवान का स्वरूप सतधन, चित धन और आनंद धन बताया गया है, जिसका कभी भी नाश नहीं हो सकता. भगवान के ध्यान करने से दैहिक, दैविक, भौतिक तीनों तापों का नाश हो जाता है. गुरु के बिना ज्ञान व सम्मान नहीं मिलता और इनके कृपा के बिना कल्याण भी संभव नहीं है. भागवत महापुराण की महिमा सुनने से ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है. सिया जू की मिथिला नगरिया हे, मनोहर लगे, मनोहर लगे ह… भजन पर श्रोता भावविभोर होकर फूलों की बारिश की. कहा कि जब भगवान जीव पर दया करते हैं, तभी मनुष्य में वैराग्य की उत्पत्ति होती है. उन्होंने रामभक्तों से कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की. कहा, श्रीमद्भागवत कथा अमृत का श्रवण करने पर सर्व सुख एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है. मूर्ख भी बुद्धिमान हो जाता है. कथा में पुजारी सीताराम दास जी महाराज, नथुनी दास, उपेंद्र दास व संत भूषण दास समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.
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