: आइएचएम में राष्ट्रीय जनजातीय पर्यटन सम्मेलन 2025 विशेष संवाददाता, रांची
झारखंड की पर्यटन निदेशक विजय जाधव ने कहा है कि हमें पर्यटन के साथ जनजातीय संबंधित चीजों को अच्छे ढंग से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है. हमें पता होना चाहिए कि हमारे पास कितनी बेशकीमती पर्यटन स्थल हैं. राज्य के जनजातीय लोगों में लैंगिक असमानता नहीं है. दोनों अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. श्रीमती जाधव शुक्रवार को आइएचएम में राष्ट्रीय जनजातीय पर्यटन सम्मेलन में बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि सस्टेनेबल (टिकाऊ) जीवन की सच्चाई हमें स्थानीय जनजातियों से सीखनी चाहिए़ उन्होंने झारखंड में वृक्षों को राखी बांधने की परंपरा, स्थानीय व्यंजन, समुदाय आधारित गृह निवास, बांध से जुड़ा उत्सव, विभिन्न त्योहारों पर अपने मंतव्य दिये. रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी भावेशनंद ने जल, जंगल एवं जमीन के बारे में विस्तार से बताया. इस अवसर पर संगीता खन्ना, डॉ मनीषा उरांव, संजीव खलखो, डॉ निशिकांत कुमार, डॉ पंकज चटर्जी ने भी अपने विचार रखे. प्राचार्य डॉ भूपेश कुमार ने आगंतुकों का स्वागत किया. कार्यक्रम में राजकीय मानभूम छउ नृत्य कला केंद्र, सिल्ली द्वारा छऊ नृत्य की प्रस्तुति हुई. इस अवसर पर संस्थान की पहली वार्षिक पत्रिका पलाश वृत्त तथा फंडामेंटलस ऑफ मार्केटिंग स्किल्स पुस्तक का विमोचन भी किया गया. शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरी