महेशपुर. नवरात्र के अवसर पर महासप्तमी पूजन को लेकर सोमवार की सुबह कलश व कोलाबोउ को ढोल नगाड़े के साथ पूजा पंडालों में स्थापना की गयी. सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति महेशपुर के पुरोहित प्रफुल्ल भट्टाचार्य ने बांसलोई नदी के शिव मंदिर घाट पर मंत्रोच्चारण के साथ पूजा की. इसके बाद कलश में जल भरकर एवं कोलाबोउ को डोली में बैठाकर मंदिर लाया गया. पुरोहित ने बताया कि मां का आगमन गज से हो गया. बंगाली परंपरा के अनुसार कोलाबोउ की आराधना का विशेष महत्व है. षष्ठी पूजन पर माता दुर्गा अपने नौ स्वरूपों में जगत कल्याण के लिए पृथ्वी पर आती हैं. भगवान गणेश की पत्नी कोलाबोउ की पूजा कर मां दुर्गा की आराधना शुरू हो जाती है. इसके बाद मंदिर में कलश स्थापना की जाती है. मौके पर अमल राय, विनय भगत, बोसु कर्मकार, शिवचरण कर्मकार, राम साहा, दिलीप भगत, आशीष सिंह, राम नारायण भगत, बूड़ो सिंह, मृत्युंजय दास, अनिकेत सिंह, गोलू घोष, परेश घोष, सौरभ गुप्ता, सुदीप प्रमाणिक, काजल साहा, अमरनाथ भगत, आंनद भगत, शिवम भगत आदि भक्त मौजूद थे.
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