फॉरेंसिक एनालिसिस से खुलेंगे राज कोलकाता. राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में हुईं नियुक्तियों के घोटाले मामले की जांच लगातार तेज होती जा रही है. अब केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले में गिरफ्तार जीवन कृष्ण साहा और उनके परिवार की वित्तीय गतिविधियों की गहन जांच शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि ईडी की ओर से साहा, उनकी पत्नी और रिश्तेदारों के बैंक खातों का फॉरेंसिक एनालिसिस और फाइनेंशियल स्क्रूटिनी की जायेगी. सूत्रों के मुताबिक, अब तक जांच में कई बैंक खातों के सुराग मिले हैं. इनमें राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ-साथ ग्रामीण बैंकों के खाते भी शामिल हैं. आशंका जतायी जा रही है कि इन खातों से करोड़ों रुपये का लेन-देन किया गया है. इडी का कहना है कि सभी खातों की फॉरेंसिक जांच बेहद जरूरी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहां से पैसा आया और कहां गया. विशेषज्ञ बताते हैं कि फॉरेंसिक एनालिसिस एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें किसी भी खाते के हर लेन-देन को विस्तार से खंगाला जाता है. यह जांच यह तय करती है कि कौन-सा लेन-देन वैध है और कौन-सा अवैध. देश में इस तरह की जांच सत्यम घोटाला मामले में की जा चुकी है. अब नियुक्ति घोटाले में साहा के बैंक खातों पर यही प्रक्रिया अपनायी जायेगी. ईडी ने दावा किया है कि साहा और उनकी पत्नी के ग्रामीण बैंकों में भी कई खाते हैं. आशंका है कि इन खातों में भारी मात्रा में रकम जमा हुई है. एजेंसी का मानना है कि नियुक्ति घोटाले से निकली रकम इन्हीं खातों के जरिये दूसरे जगह स्थानांतरित की गयी होगी. गौरतलब है कि कक्षा नवम-दशम और एकादश-द्वादश शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में ईडी ने अब तक लगभग 238 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. इन संपत्तियों में नकदी, जमीन और कीमती सामान शामिल हैं. इडी अधिकारियों का कहना है कि फॉरेंसिक जांच पूरी होने के बाद यह साफ हो जायेगा कि साहा और उनके परिवार के खातों में जमा करोड़ों रुपये का स्रोत क्या था. साथ ही यह भी सामने आयेगा कि इस रकम का इस्तेमाल कहां-कहां किया गया. इस तरह ईडी की यह जांच नियुक्ति घोटाले की गुत्थी सुलझाने में अहम साबित हो सकती है.
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