महुआडांड़़ प्रखंड में संचालित संत जेवियर्स कॉलेज में सोमवार को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ) के युग में उच्च शिक्षा की दिशा, चुनौतियों और नवाचारों विषय पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. यह अंतरराष्ट्रीय सेमिनार शिक्षा जगत में एआइ की संभावनाओं और चुनौतियों पर विमर्श का मंच साबित हुआ. मौके पर डॉ फादर पी मरिया, जोसेफ ख्रीस्टी एसजे, सेक्रेटरी ऑफ हायर एजुकेशन, जेसुइट क्युरिया व रोम ने अपने विचार साझा किये. उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता शिक्षा जगत में अभूतपूर्व क्रांति ला रही है. यह न केवल अध्यापन और अधिगम को अधिक प्रभावी बना रही है, बल्कि ज्ञान के नये आयाम भी खोल रही है. तकनीकी प्रगति के साथ नैतिक मूल्यों की रक्षा, रोजगार संबंधी चुनौतियों का समाधान और सामाजिक उत्तरदायित्व पर गंभीर मंथन करना आज की आवश्यकता है. विद्यार्थी एआइ को केवल तकनीकी दृष्टि से न देखें, बल्कि इसे मानवीय संवेदनाओं और समाज कल्याण से जोड़कर प्रयोग करें. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में एआइ की भूमिका तेजी से बढ़ रही है. यह कौशल विकास और रोजगार की नयी संभावनाएं पैदा कर रहा है. इस पर कॉलेज की प्राध्यापिका सुरभि सिंहा एवं छात्रा ज्योत्सना कच्छप और रजनी टेटे ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये. मौके पर डॉ फादर प्रदीप केरकेट्टा एसजे, फादर समीर टोप्पो, फादर लियो, फादर राजीप, सिस्टर चंद्रोदय, प्रोफेसर शिल्पी, प्रोफेसर शशि शेखर, प्रोफेसर सुबोध, रोनित, अंशु अंकिता, सुकुट समेत कई लोग उपस्थित थे.
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