उप मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर बड़े वित्तीय संस्थानों में लूट के लिए शातिर अपराधी इंटरनेट कॉलिंग/वीओआइपी (वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) सुविधा का दुरुपयोग कर रहे हैं. इंटरनेट कॉलिंग से अपराध करने वाले अंतरराज्जीय गिरोह पर नकेल कसना पुलिस के लिए चुनौती बनती जा रही है. ऐसे अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिये छह माह पूर्व पुलिस मुख्यालय ने जिला पुलिस कप्तान को आमलोगों के साथ मॉक ड्रिल के साथ ही कुल चालीस बिंदुओं पर कार्य करने के लिए निर्देश जारी किया. लेकिन जिला पुलिस इन निर्देशों के पालन में सुस्ती बरत रही है. हाल ही में जेल में बंद अपराधियों ने ज्वेर्ल्स की दुकान और बैंक लूट की योजना बनायी. लेकिन इसकी भनक पुलिस को लग गयी. पुलिस सख्ती से अपराधी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सकें हैं. मुख्यालय के निर्देशों के पालन के बाद ही अपराधियों के साजिश को विफल किया जा सकता है. लूट कांड में शामिल अपराधियों ने किया था खुलासा इंटरनेट कॉलिंग से अपराधियों ने कई घटनाओं को अंजाम दिया है. पिछले दो मई को तुर्की के आभूषण व्यवसायी से बंदूक की नोंक पर अपराधियों ने लाखों रूपये नकद लूट लिया था. इस कांड में शामिल गिरफ्तार अपराधियों ने इंटरनेट कॉलिंग से आपराध कारित करने की बात स्वीकारी थी. पिछले 22 मई को कांटी स्थित किराना दुकान को बंदूक की नोक पर लूट लिया था. हथियारबंद अपराधियों ने 15 लाख से अधिक की लूट की. नियमित मॉक ड्रिल कर लोग को शामिल करने का निर्देश इस चुनौती से निपटने के लिए पुलिस मुख्यालय ने विशेष रणनीति तैयार की है ताकि इस गिरोह पर शिकंजा आसानी से कसा जा सके. पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस कप्तानों से नियमित रूप से मॉक ड्रिल करने और इसमें पुलिसकर्मियों के अतिरिक्त आम लोगों को भी शामिल करने का निर्देश दिया. लेकिन पुलिस महानिदेशक के आदेश के छह माह बाद भी इसपर अमल नहीं हो सका है. वित्तीय संस्थानों की निगरानी के लिए कुछ महत्वपूर्ण एसओपी – सभी बैंकों, ज्वेलरी शॉप व अन्य प्रतिष्ठानों में अंदर व मुख्य द्वार पर उच्च क्षमता वाले सीसीटीवी जरूरी – सीसीटीवी में कम से कम 15 दिन की रिकॉर्डिंग मेमोरी हो, उसकी सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग – अपराधी सीसीटीवी तोड़कर न ले जा सके, इसके लिए एक कैमरा ऊंचाई पर लगाया जाना – बैंक डकैती व ज्वेलरी शॉप में लूट व डकैती में शामिल अपराधियों पर नजर रखना – जमानत पर जेल से बाहर निकले वैसे अपराधियों का नियमित रूप से भौतिक सत्यापन – वैसे अपराधियों की गतिविधि पर एसटीएफ भी नजर रखेगी, जेल में उनसे मुलाकातियों पर नजर रखने – बैंकों व अन्य प्रतिष्ठानों के अंदर व बाहर अलार्म हो, अतिरिक्त स्विच इमरजेंसी के लिए – बैंकों व अन्य प्रतिष्ठानों के गेट व दीवार पर थानेदार व वरीय अधिकारी का नंबर – प्रतिष्ठानों में साइलेंट मोड में मोबाइल हो, ताकि उससे स्थानीय पुलिस को सूचित किया जाए – बैंकों व ज्वेलरी शॉप सहित अन्य प्रतिष्ठानों में आई सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था – प्रतिष्ठानों के ग्रिल पर ऐसी व्यवस्था हो कि एक बार में एक ही शख्स अंदर-बाहर हो सके – पुलिस पदाधिकारी के बैंक के अंदर संदिग्ध से पूछताछ करने, समय बदलकर बैंक की चेकिंग – बैंकों व अन्य प्रतिष्ठानों की संवेदनशीलता की जांच कर अपराध के हॉट स्पॉट चिह्नित करने – बैंक से छोटी निकासी पर बाइक से व बड़ी राशि होने पर चार पहिया वाहन की प्रतिनियुक्ति करना है.
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