सासाराम ग्रामीण. बिहार विधानसभा का चुनाव कुछ महीने के भीतर ही होना है. इसको ले विभिन्न राजनीतिक दलों में चुनावी तैयारी जोरो से चल रही है. जैसे-जैस चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे पार्टियों में नया-नया मोड़ सामने आने लगा है. अब राजनीतिक पार्टियों में अंदर-अंदर कलह भी सुलगने लगा है. अब तक अंतर्कलह की शुरुआत भाजपा से शुरू हुई थी. अब कांग्रेस में भी पनपने लगा है. सोमवार को कांग्रेस के पूर्व महासचिव धनंजय कुमार मेहता ने जिलाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार पांडेय को हटाने की मांग प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम व प्रदेश प्रभारी कृष्णा अलावरू से की है. उन्होंने कहा कि डेहरी के सुअरा हवाई अड्डा में गत 17 अगस्त को आयोजित हुई राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा को सफल बनाने में कार्यकर्ताओं को साधन उपलब्ध कराने में भेदभाव व पारदर्शिता का अभाव किया गया है. उन्होंने कहा कि पार्टी के नेतृत्व में एक जांच कमेटी की मांग की गयी है. इसके साथ उन्होंने आरोप लगाया है कि पूर्व मंत्री पंडित गिरीश नारायण मिश्रा की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम को कार्यकर्ताओं से छुपाया गया है. इससे पूर्व मंत्री की महत्ता को कम करने जैसा कार्य है. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले अगर रोहतास कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को नहीं हटाया गया, तो बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशियों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. वहीं, पार्टी के जिलाध्यक्ष ने कहा कि पूर्व महासचिव तथाकथित कांग्रेसी है. उनका पार्टी की मजबूती में किसी प्रकार का योगदान नहीं है. ये व्यक्ति विशेष की राजनीति करने वाले लोग हैं. पूर्व मंत्री स्व गिरीश नारायण मिश्रा की प्रतिमा अनावरण में किसी प्रकार का लुका छिपी का खेल नहीं किया गया है. हमारे नेतृत्व में सबकी सहमति से कार्य हो रहा है. इसलिए पूर्व के पदाधिकारियों को रास नहीं आ रहा है. वहीं, पार्टी के जिला उपाध्यक्ष राजेश्वर कुशवाहा ने कहा कि किसी प्रकार की भेदभाव नहीं हो रहा है. इस समय हमारी पार्टी में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं चल रही है. लेकिन, आरोप लगाने वाले कुछ भी कह सकते है. पूरा आरोप निराधार है.
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