सरकार और संस्था के प्रयास की सराहना रांची . आइआइटी दिल्ली से आये करीब दो दर्जन शोधार्थियों के दल ने झारखंड में तैयार विकास के मॉडल की जानकारी ली. पांच दिनों तक गुमला और बोकारो जिलों के कई गांवों में जाकर जमीनी स्तर पर हो रहे कार्यों की जानकारी ली. यहां सरकार और प्रदान संस्था के सहयोग से किये जा रहे कार्यों को समझने का प्रयास किया और इसकी सराहना की. शोधार्थियों ने गुमला के घाघरा और बोकारो जिले की बुंडू पंचायत के कई गांवों का दौरा किया. विद्यार्थियों ने राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि जमीनी स्तर पर विकास के मॉडल तैयार किये जा रहे हैं. इसे और अधिक बढ़ाने की जरूरत है. गांवों में पर्यावरण के अनुकूल कुछ काम किये गये हैं. यह उल्लेखनीय है. महिलाएं सशक्त हो रही हैं. आजीविका के साधन विकसित हो रहे हैं. बिजली कटने के बाद सात-आठ दिनों का बैकअप : आइआइटी दिल्ली के सेंटर फॉर रुरल डेवलपमेंट एंड टेक्नोलॉजी के पीएचडी शोधार्थियों ने बताया कि कुछ सोलर पावर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हैं. यहां बिजली कटने के बाद सात-आठ दिनों का बैकअप है. ऐसी स्थिति तो शहरों में भी नहीं है. डोभा और रेनवाटर हार्वेस्टिंग का काम भी हो रहा है. कई महिलाएं आज पंचायतों से चुनकर सशक्त हुई हैं. आज वह गांव की आवाज बनी हुई हैं. इससे उनके पारिवारिक व्यवस्था बदल रही है. तकनीकी और समाज की बात करती है.
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