सुलतानगंज ई श्रम कार्ड अपडेट करने व नया कार्ड बनाने पर खाते में पैसा आने का प्रलोभन देकर सैकड़ों मजदूरों से ठगी हुई है. सैकड़ों मजदूरों का कार्ड बनने व अपडेट करने के बाद पैसा जब खाता में नहीं आया तब मजदूरों को ठगी होने का एहसास हुआ. बुधवार को सैकड़ों मजदूर प्रखंड के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अविनभ आलोक को प्रखंड कार्यालय पहुंच बताया कि ई श्रम कार्ड बनाने और अपडेट करने पर अभी तक पैसा खाते में नहीं आया है. मजदूरों ने बताया कि साइबर कैफे संचालक ने झांसा दिया कि सरकार ई श्रम कार्ड पर तीन हजार रुपये दे रही है. मजदूरों से पांच-पांच सौ रुपये लेकर कार्ड दिया गया है. एक रुपया खाता में नही आया है. बताया कि विश्वकर्मा पूजा पर बिहार सरकार के श्रम विभाग ने रजिस्टर्ड मजदूरों के खाते में वस्त्र योजना के तहत पांच-पांच हजार रुपये खाता में दी है. जब ई श्रम कार्डधारकों के खाता मे पैसा नहीं आया, तो साइबर कैफे संचालक ने भ्रम फैलाया कि जिन मजदूरों का पैसा नहीं आया उनको कार्ड का नवीकरण कराना है. जिन मजदूरों का कार्ड नहीं बना है उनका कार्ड बनाने पर पैसा मिलेगा. इन झांसे में आकर सैकड़ों मजदूरों ने प्रखंड के विभिन्न साइबर कैफे संचालक को पांच-पांच सौ रुपये देकर कार्ड बना लिया. कार्ड बनने के बाद जब खाता में पैसा नहीं आया तब इन मजदूरों को ठगी का एहसास हुआ.
ई श्रम कार्ड, लेबर कार्ड, मनरेगा कार्ड तीनों अलग-अलग कार्ड है. मनरेगा और ई श्रम कार्डधारक श्रमिकों को फिलहाल सरकार कोई लाभ नहीं दी है. सिर्फ लेबर कार्डधारक भवन निर्माण श्रमिकों को श्रम संसाधन विभाग से वस्त्र योजना के तहत प्रत्येक श्रमिकों को पांच पांच हजार का लाभ दिया गया है. यह पैसा उन्हीं श्रमिकों को दिया गया है जिसका कार्ड अपडेट है. जिन श्रमिकों का लेबर कार्ड अपडेट नहीं था उसके खाते में राशि नहीं दी गयी है. लेबर कार्ड धारकों को अपना कार्ड अपडेट करने के लिए लगातार प्रचार प्रसार कराया गया था. सुलतानगंज प्रखंड क्षेत्र में चार हजार से अधिक लेबर को वस्त्र योजना की राशि दी गयी है. सूचना मिली है कि कुछ जगहों पर साइबर कैफे संचालक मनरेगा और ई श्रमिक कार्ड धारकों को भ्रमित कर कार्ड बनाने और नवीकरण करने के नाम पर राशि की ठगी की है. क्षेत्र में इसकी जांच करायी जा रही है. दोषी साइबर कैफे संचालक को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.अभिनव आलोक
प्रखंड श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सुलतानगंजB
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