खेतको बगोदर प्रखंड कार्यालय से करीब 20 किमी की दूरी पर है. यहां डॉक्टर नहीं आते हैं. वहीं कभी कभार एएनएम सप्ताह में आती है, जिससे ग्रामीणों को सुविधा नहीं मिल पाता है. खासकर महिलाओं व बच्चों को अधिक परेशानी होती है. ग्रामीणों ने उप स्वास्थ्य केंद्र में सुविधा दुरुस्त करने की मांग की है.
बेड व दवा की कमी
यहां प्रसव के लिए बेड तक उपलब्ध नहीं है. सक्शन मशीन व ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं है. आवश्यक दवाइयों व प्राथमिक चिकित्सा उपकरणों की कमी है. प्रसूति सेवाओं के संचालन हेतु पर्याप्त संसाधनों एवं व्यवस्था का अभाव है. उप स्वास्थ्य केंद्र में सफाई कर्मी नहीं हैं. बता दें कि दो पंचायत खेतको और पोखरिया के लिए यह उप स्वास्थ्य केंद्र इकलौता है. दोनों पंचायत में करीब 30 हजार की आबादी है. बीमार पड़ने पर लोगों को इलाज के लिए डुमरी या फिर बगोदर जाना पड़ता है.
मुखिया ने लिखा उपायुक्त को पत्र
मुखिया शालीग्राम प्रसाद ने गिरिडीह उपायुक्त को पत्र भी लिखा है. कहा है कि स्वास्थ्य सेवा की दृष्टिकोण से उप स्वास्थ्य केंद्र में सुविधा बहाल किया जाये, ताकि ग्रामीणों को सुविधा मिल सके. स्थानीय मुखिया के पहल पर ही खेतको गांव में एंबुलेंस की भी सुविधा बहाल की गयी है. लेकिन उप स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं मिलने के कारण मरीज को दिक्कती हो रही है. मुखिया ने मांग की कि यदि स्वास्थ्य केंद्र में सुविधा बेहतर हो, तो लोगों को बाहर जाना नहीं पड़ेगा. केंद्र में प्रसव कराने की पहल एएनएम ने की है. सुविधा बढ़ाने से लोगों के लिए बेहतर साबित होगा. ग्रामीणों ने स्वास्थ्य सुविधाओं के तत्काल सुधार की अपेक्षा की है.
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