दो महिलाओं की हत्या के आरोप में गिरफ्तार श्रीकांत चौधरी ने मंगलवार शाम चार बजे गावां थाना के कॉन्फ्रेंस रूम में आत्महत्या कर ली. बताया जाता है कि चौधरी ने पहले किसी धारदार वस्तु से अपना गला काटा, फिर केबल को पंखे से बांध कर झूल गया. फंदे से झूल रहे आरोपी पर पुलिसकर्मियों की नजर पड़ते ही थाना में हड़कंप मच गया. उसे फंदे से उतारकर आनन-फानन में सीएचसी गावां ले जाया गया. प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने गिरिडीह सदर अस्पताल रेफर कर दिया. वहां आइसीयू में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. जिस कमरे में घटना हुई, उसे पुलिस ने सील कर दिया है. इस बीच, थाना परिसर के अंदर गिरफ्तार आरोपी द्वारा इस तरह आत्महत्या करना पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है. यह भी चर्चा का विषय है कि आखिर आरोपी के पास धारदार वस्तु कहां से आयी और पुलिस ने उसकी गतिविधियों पर नजर क्यों नहीं रखी, जबकि उसने आरोपी की बेल्ट और गमछा अपने पास रख लिया था. परिजनों का कहना है कि श्रीकांत चौधरी को हाजत में रखने के बजाय थाना के कॉन्फ्रेंस रूम में क्यों रखा गया. इस सवाल के जवाब में पुलिस अधिकारियों का कहना था कि सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से वहां रखा गया था. हालांकि इस दलील को लेकर तरह-तरह की चर्चा है. श्रीकांत के फंदे से लटकने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में लोग सीएचसी गावां पहुंच गये. वहां परिजनों ने आरोप लगाया कि यह पूरी तरह पुलिस की लापरवाही का नतीजा है. मामले की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
पिता दशरथ चौधरी बोले : बेटे को पांच सितंबर को गिरफ्तार किया, फिर इतने दिन थाने में क्यों रखा
मृतक श्रीकांत चौधरी गदर पंचायत के महतपुर का रहनेवाला था. वह दशरथ चौधरी के तीन पुत्रों में बड़ा था. दशरथ चौधरी ने प्रभात खबर को बताया कि गावां थाना पुलिस पांच सितंबर की रात आठ बजे घर से श्रीकांत चौधरी को ले गयी थी. जब उसे हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया, तो इतने दिनों लॉकअप में क्यों रखा गया. श्री चौधरी ने आरोप लगाया कि हाजत के अंदर हत्या कर उनके बेटे को फंदे से लटका दिया गया. उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की. कहा कि एक साजिश के तहत उनके बेटे की हत्या की गयी है. बताते चलें कि गावां पुलिस ने चरकी गांव की रिंकू देवी व सोनी की हत्या के आरोप में श्रीकांत चौधरी को गिरफ्तार किया था. दोनों महिलाओं की लाश गांव से चार किलोमीटर दूर गोलगो पहाड़ी के जंगल से बरामद हुई थी. उनकी गला दबाकर हत्या की गयी थी. परिजन के अनुसार, श्रीकांत चौधरी तीन वर्ष पूर्व स्थानीय स्तर पर ई-कॉमर्स साइट के लिए डिलीवरी ब्वॉय का काम करता था. बाद में मुंबई चला गया. वहां खाना डिलीवरी करने लगा.
हत्या के विरोध में गावां थाना के समक्ष रोषपूर्ण प्रदर्शन
मंगलवार पूर्वाह्न करीब 10 बजे दोनों महिलाओं की हत्या के विरोध में ग्रामीणों ने गावां थाना के समक्ष रोषपूर्ण प्रदर्शन किया. चरकी, निमाडीह समेत कई गांवों के महिला-पुरुष नारेबाजी करते हुए गावां थाना पहुंचे और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. ग्रामीण आरोपी को उन्हें सौंपने की मांग कर रहे थे.सदर अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत
जिस कमरे में श्रीकांत को रखा गया था, वहां जाने पर पता चला कि वह फंदे से लटका है. सदर अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. मामले की जांच की जा रही है. – राजेंद्र प्रसाद, एसडीपीओ, खोरीमहुआडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

