रसलपुर-महुआ सड़क संकट से ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी
नवहट्टा. प्रखंड के कई गांवों के लिए सतौर से रसलपुर-महुआ तक जाने वाली सड़क अब गंभीर खतरे में है. घटते जलस्तर और लगातार बढ़ते कटाव के कारण यह सड़क धीरे-धीरे कोसी नदी में विलीन हो रही है. इस सड़क के संकट ने इलाके के लाखों ग्रामीणों के जीवन और आवागमन को प्रभावित कर दिया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क का निर्माण जल संसाधन विभाग और ग्रामीण विकास विभाग की देखरेख में संवेदक कमलेश कुमार, पंकज सिंह, मनोज साह और जवाहर यादव के माध्यम से किया गया था, लेकिन निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया और संवेदकों ने केवल पैसे और लाभ कमाने तक ही ध्यान दिया. सड़क ठीक से नहीं बनायी गयी और अब जब सड़क कटकर नदी में गिरने को है तो न तो संवेदकों का और न ही विभागीय अधिकारियों का कोई ध्यान इस ओर है.ग्रामीणों का कहना है कि नवहट्टा प्रखंड के नौला, सतौर, शाहपुर के कुछ हिस्से, साथ ही डरहार, बकुनियां, कैदली और हाटी पंचायत के लोग इस सड़क पर पूरी तरह निर्भर हैं. यह उनके लिए एकमात्र आवागमन का साधन है. अगर इस सड़क को शीघ्र सुरक्षित नहीं किया गया तो कम से कम एक दर्जन गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट सकता है. जनप्रतिनिधियों पर भी ग्रामीणों की नाराजगी है. हाल ही में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के बावजूद स्थानीय विधायक इस गंभीर समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. जल संसाधन विभाग और ग्रामीण विकास विभाग भी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालने में लगे हुए हैं. स्थानीय निवासी पंकज कुमार ने बताया कि इस सड़क के कटने से लोगों को रोजमर्रा की आवश्यकताओं के लिए दूसरी जगहों तक पहुंचने में कठिनाई होगी. खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए स्कूल, अस्पताल और बाजार तक जाना मुश्किल हो जायेगा. ग्रामीण प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि तत्काल सड़क की मरम्मत और कटाव रोकने के उपाय किए जायें. ग्रामीणों का कहना है कि अगर समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ तो इलाके का संपर्क टूटने के साथ-साथ लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी संकट में पड़ जायेगी.
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