प्रतिनिधि, मधेपुरा मधेपुरा में कार्यपालक सहायक सेवा संघ की ओर से रविवार को वेदव्यास कॉलेज परिसर में आपात बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता संतोष कुमार ने की जबकि संचालन आशीष कुमार ने किया. बैठक में बड़ी संख्या में कार्यपालक सहायक शामिल हुए और सरकार द्वारा किए जा रहे भेदभावपूर्ण रवैये पर आक्रोश प्रकट किया. बैठक में वक्ताओं ने कहा कि चुनावी वर्ष में सरकार ने संविदा और दैनिक भोगी कर्मियों के वेतनमान में डेढ़ से दो गुना तक वृद्धि की है. लेकिन बिहार के सभी विभागों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों को इससे वंचित रखा गया है. यह सरकार की सौतेली नीति को दर्शाता है. कार्यपालक सहायकों ने कहा कि वे सभी विभागों में सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों को जनता तक पहुंचाने का काम करते हैं, इसके बावजूद उनकी उपेक्षा की जा रही है. संयुक्त सचिव चंदन कुमार ने बताया कि बैठक में 70 से 80 कार्यपालक सहायकों ने भाग लिया. सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आने वाले दिनों में राज्य केंद्र के निर्देशानुसार आंदोलन को तेज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी 11 सूत्री मांगें सरकार के सामने रखी गई हैं. इसमें सेवा संवर्ग का गठन कर स्थायीकरण, राज्यकर्मी का दर्जा, वेतनमान, ईपीएफ का लाभ, चिकित्सीय सुविधा, आकस्मिक निधन पर आर्थिक सहायता और मृतक आश्रितों को नौकरी देने जैसी प्रमुख मांगें शामिल हैं. बैठक में यह भी कहा गया कि यदि सरकार ने समय पर मांगों पर विचार नहीं किया तो कार्यपालक सहायक मजबूर होकर आंदोलन करेंगे. वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि अब और उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. बैठक में मनीष कुमार, अमरदीप कुमार, राजू सरदार, आशा कुमारी, सुनील कुमार, विपिन कुमार, मिथिलेश कुमार, निशा कुमारी, सतीश कुमार, रंजीत कुमार, सोनू कुमार झा, रतन कुमार, कैलाश कुमार, अमरेश कुमार, गजेंद्र कुमार, पल्लवी कुमारी, संजय कुमार समेत कई कार्यपालक सहायक मौजूद थे.
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