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मोर्चा के किसान महापंचायत में 15 सितंबर को समाहरणालय पर धरना-प्रदर्शन का निर्णय

संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा, सीतामढ़ी स्थापना के 25वें वर्ष पर सोमवार को रजत जयंती मनाते हुए जिलाध्यक्ष जलंधर यदुबंशी की अध्यक्षता में किसान महापंचायत आयोजित की गयी.

सीतामढ़ी. संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा, सीतामढ़ी स्थापना के 25वें वर्ष पर सोमवार को रजत जयंती मनाते हुए जिलाध्यक्ष जलंधर यदुबंशी की अध्यक्षता में किसान महापंचायत आयोजित की गयी. बाबासाहब अम्बेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण के साथ महापंचायत शुरू हुआ. न्यू मैरेज गार्डेन गोशाला चौक सीतामढ़ी के सभागार में आयोजित महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (राकेश टिकैत ) के बिहार संयोजक दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि बिहार सरकार के कारपोरेटपक्षी नीति से किसानों का संकट बढ़ा है. किसानों की जमीन व रोजगार सभी छिनने की साजिश हो रही है. बिहार में खेती महंगी तथा उपज सस्ती है. किसानों को अपने हकों पर मजबूत संघर्ष करनी होगी. अभी भूमि अधिग्रहण के खिलाफ 25 अगस्त को पटना में भारी गोलबंदी कर किसानों ने सीएम आवास का घेराव-प्रदर्शन किया. हमें सभी मुद्दों को जोड़कर पूरे राज्य में बड़ा आंदोलन करना होगा. किसान नेता राकेश टिकैत भी सीतामढ़ी सहित पूरे राज्य में किसान महापंचायत करेंगे.

–ऐतिहासिक संघर्ष कर तीन कानून वापस कराया

किसान सभा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव तथा बिहार राज्य गन्नाकिसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि किसान ऐतिहासिक संघर्ष कर तीन काला कृषि कानून वापस कराया. सभी कृषि उपज की एम एसपी सीटू 50 प्रतिशत पर कानून, कर्ज मुक्ति, गन्नामूल्य, मछुआ, दुध उत्पाद, सब्जी किसानों के सवालों पर बडी लड़ाई जारी है. बिहार में सभी तरह के किसान गोलबंद हो रहें हैं. सरकार किसानों की मांगें पूरी करें अन्यथा भारी आंदोलन होगा. किसान सभा मुजफ्फरपुर के अध्यक्ष चन्देश्वर चौधरी ने कहा कि किसानों के बांटने की राजनीति से हमें सावधान रहना है और कारपोरेट के खतरे के खिलाफ एकजुट संघर्ष तेज करना है. अतिथियों व किसान प्रतिनिधियों का स्वागत तैयारी समिति के संयोजक शंकर मंडल ने की. उपाध्यक्षअमरेन्द्र राय ने मोर्चा के संगठन तथा संघर्ष की चर्चा की.

–पंजाब के किसानों की तरह गोलबंद हो

विषय प्रवेश कराते हुए मोर्चा के उतर बिहार संयोजक डा आनन्द किशोर ने 20 सूत्री मांगों पर चर्चा की. गन्ना के दाम व भुगतान, सिंचाई, पेयजल संकट, जबरन भूमि अधिग्रहण, बागमती व अधबारा के पानी को गंगा में बहने की जगह खेतों में पहुंचाने, नदियों को मरने से बंचाने, बागमती कटाव पीड़ितों की सुरक्षा व पुनर्वास की चर्चा करते हुए कहा कि समस्यायें बडी है तो संघर्ष की तैयारी भी बड़ी करनी पड़ेगी. जाति व दलों से उपर उठकर खेत-पेट के सवालों पर पंजाब के किसानों की तरह गोलबंद होना होगा. अध्यक्ष जलंधर यदुबंशी ने 15 सितंबर को किसानों के सुलगते सवालों पर समाहरणालय पर धरना-प्रदर्शन आयोजन का प्रस्ताव रखा. जिसे ताली बजाकर किसानों ने समर्थन दिया.

बॉक्स में

–इन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा की

महापंचायत को बागमती कटाव के मुद्दे पर मुखिया राघवेन्द्र कुमार सिंह, भूमिअधिग्रहण के मुद्दे पर अरूणेन्द्र राय, सुखाड़ व खाद की कालबाजारी पर अमरेन्द्र राय, गन्ना किसानों के सवालों पर पारसनाथ सिंह ने प्रकाश डाला. किसानो के विभिन्न सवालों पर नगरपरिषद के पूर्व अध्यक्ष मनोज कुमार, प्रगतिशील किसान फाउंडेशन के अध्यक्ष सत्यनारायण सिंह, मोर्चा नेता शशिधर शर्मा, आलोक कुमार सिंह, अरूणेन्द्र प्रसाद, पारसनाथ सिंह,अबधेश यादव, नंदकिशोर मंडल, अश्विनी मिश्र, विजय कुमार सिंह, शिवेन्द्र राय, बिमल कुमार राम, प्रमोद कुमार मिश्र, श्याम बिहारी पंडित, प्रभाकर कुमार सिंह, कौशल किशोर सिंह, रामजनम गिरी, राम पुकार साह, नरेन्द्र यादव, जयप्रकाश शर्मा, आलोक रंजन, दिनेश कुमार, रामबाबू पाल, नथुनी राय, चन्देश्वर चौधरी, जगदीश यादव, अशोक कुमार सिंह, मदन मोहन ठाकुरव संजीब कुमार चौधरी समेत अन्य ने संबोधित करते हुए संघर्ष तेज करने का संकल्प व्यक्त किया.

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