चुनाव के कारण छठ के बाद वापसी कम, अब क्राउड कंट्रोल मुश्किल, आनन-फानन में चलानी पड़ीं क्लोन ट्रेनें
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
इस बार छठ महापर्व के ठीक बाद बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी और परिणाम आने की गतिविधियों ने रेलवे के सारे भीड़ नियंत्रण प्लान को ध्वस्त कर दिया है. छठ के बाद सामान्य भीड़ के लौटने का अनुमान था, लेकिन दो चरणों में चुनाव संपन्न होने और फिर नतीजों के बाद अचानक प्रदेश से बाहर जाने वाले यात्रियों की ऐसी भीड़ उमड़ी कि मुजफ्फरपुर जंक्शन पर क्राउड कंट्रोल करना मुश्किल हो गया है. पहले जहां जंक्शन से प्रतिदिन औसतन 4 से 5 हजार लोग बाहर जाते थे, वहीं वर्तमान में यह संख्या बढ़कर 12 से 14 हजार प्रतिदिन पहुंच गई है. चुनावी माहौल थमने और नतीजे आने के बाद अचानक नौकरी या काम पर लौटने की होड़ ने स्टेशन प्रबंधन पर अप्रत्याशित दबाव डाल दिया. हालात यह बन गए हैं कि यात्रियों की भीड़ नियमित ट्रेनों में क्षमता से अधिक भर रही है. इससे रिकॉर्ड आय भी हो रही है, हाल में यूटीएस से एक दिन में सबसे अधिक 50 लाख रुपये से अधिक की आमदनी दर्ज की गई है. बता दें कि रविवार को मिथिला और मौर्य एक्सप्रेस में आपाधापी वाली भीड़ थी.
एक दिन में सबसे अधिक 50 लाख आय
इस बेतहाशा भीड़ को देखते हुए रेलवे को आनन-फानन में नयी दिल्ली, कोलकाता, मुंबई के लिए क्लोन स्पेशल ट्रेनें चलाने का अचानक निर्णय लेना पड़ा. रविवार को भी सप्तक्रांति एक्सप्रेस के निर्धारित मार्ग पर गाड़ी संख्या-05571 मुजफ्फरपुर-आनंद विहार स्पेशल ट्रेन अतिरिक्त रूप से चलाई गई. यात्रियों की इस रिकॉर्ड तोड़ आवाजाही का असर रेलवे की कमाई पर भी दिखा. हाल ही में, यूटीएस से एक दिन में सबसे अधिक 50 लाख रुपये से अधिक की आमदनी दर्ज की गई, जो इस बात का प्रमाण है कि स्टेशन पर कितनी बड़ी संख्या में यात्री मौजूद है.एसीएम की हो गयी प्रतिनियुक्ति
भीड़ की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अचानक से भीड़ बढ़ने के कारण समस्तीपुर मंडल को क्राउड कंट्रोल के लिए वरिष्ठ अधिकारी, एसीएम की प्रतिनियुक्ति करनी पड़ी है.होल्डिंग एरिया को दिया एक्सटेंशन
मूल योजना के अनुसार, छठ की भीड़ कम होने के बाद 7 नवंबर को होल्डिंग एरिया (जहां यात्रियों को नियंत्रित तरीके से रोका जाता है) को हटा दिया जाना था, लेकिन भीड़ का दबाव जारी रहने के कारण वर्तमान में भी यह होल्डिंग एरिया संचालित है, ताकि प्लेटफार्म पर भगदड़ जैसी स्थिति न बने.
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