पीरपैंती में अडानी को जमीन देने के खिलाफ फूंका पुतला
सहरसा. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी ने बुधवार को शारदा नगर बटराहा सीपीएम कार्यालय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुतले के साथ प्रतिरोध मार्च निकाला. मार्च करते अडानी के हाथ जमीन देना बंद करो, कॉरपोरेट हितैषी मोदी-नीतीश मुर्दाबाद, हिटलर शाही नहीं चली तो मोदी शाही नहीं चलेगी सहित अन्य नारा लगाते चांदनी चौक शहीद स्मारक के पास पुतला दहन किया. जिसके बाद नसीमुद्दीन की अध्यक्षता में चले नुक्कड़ सभा को संबोधित करते पार्टी राज्य सचिव मंडल सदस्य विनोद कुमार ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार कॉरपोरेट धरानों, धन्नासेठों, पूंजीपतियों की सरकार है. देश की तमाम सार्वजनिक संपत्ति को कौड़ी के भाव उन लोगों के हाथों बेचती जा रही है. नीतीश कुमार भी मोदी के संग मिलकर बिहार के सरकारी एवं रैयती जमीन को अडानी के हाथ सौंपना शुरू कर दिया है. भागलपुर के पीरपैंती में बिजली उत्पादन कारखाना के नाम पर लाखों आम के लगे पेड़ों वाली 1050 एकड़ जमीन को बंजर भूमि कहकर मात्र एक रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष के हिसाब से अडानी को देना दर्शाता है कि डबल इंजन की सरकार कॉरपोरेट हितैषी एवं किसान, मजदूर, मेहनतकश जनता विरोधी सरकार है. सीपीएम सरकार द्वारा अडानी को दिये गये जमीन समझते को रद्द करने की मांग करती है. मार्च में कुलानंद कुमार, रमेश यादव, मनोज शर्मा, नसीम उद्दीन, चंद्रकिशोर यादव, केशव कुमार, शिवनारायण तांती, रामानंद पासवान, पवन दास, मिथिलेश पोद्दार, संतोष राम, मो कौसर सहित अन्य शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

