सासाराम सदर.
जीविका दीदीयों की रसोई में अब लोगों को 40 रुपये की जगह महज 20 रुपये में ही भोजन की थाली परोसी जायेगी. जिससे आमजनों को कम पैसा में भर पेट भोजन मिल सकेगा. वर्ष 2010 में हमने महिलाओं को पंचायती राज चुनाव में आरक्षण के साथ ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए जीविका की शुरुआत की थी. जहां धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती गयी और अब सब लोग उन्हें जीविका दीदी के नाम से जानते हैं. उक्त बातें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सासाराम के न्यू स्टेडियम फजलगंज में बुधवार को आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में जीविका दीदियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्रों की जीविका दीदीयों की संख्या 1.40 करोड़ पहुंच गयी है. जब सरकार ने जीविका से ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी होते देखा तो वर्ष 2020 में शहरी क्षेत्र की महिलाओं के लिए भी जीविका समूह की शुरुआत की गयी. जहां आज शहरी क्षेत्रों की भी 3.85 लाख महिलाएं जीविका से जुड़ अपना रोजगार सृजन कर रही है. दीदीयों के बढ़ते समूह को देखते हुए हर जिले में जीविका की रसोई की शुरुआत की गयी थी. जिसमें लोगों को महज चालीस रुपये में भोजन परोसी जाती थी. जिससे आमजनों को कम पैसे में भरपेट भोजन मिलता था. लेकिन, हमने इसको घटाकर बीस रुपये कर दिया. अब जीविका की रसोई में लोग 20 रुपये में भी अपना पेट भर सकेंगे. महिला आरक्षण की देन है कि बिहार में महिला सिपाहियों की संख्या देश के सभी राज्यों से ज्यादा है.बिहार के विकास को ऊंचाई पर ले जाने में सहयोग करें : उपमुख्यमंत्री
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क के साथ मुख्यमंत्री ने बिहार में 125 यूनिट बिजली फ्री कर दिया. जिसके माध्यम से बिहार के 1.70 करोड़ उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली मिल रही है. आप लोग आंख बंद कर एनडीए का समर्थन करें और बिहार के विकास को ऊंचाई पर ले जाने में सहयोग करें. कार्यक्रम का संचालन जदयू जिलाध्यक्ष अजय सिंह कुशवाहा ने किया.
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