कसमार, दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में बोकारो के पेटरवार निवासी पीयूष पुष्प (20 वर्ष) की विमान दुर्घटना में मौत हो गयी. वह वाल्कन एविएशन इंस्टीट्यूट से कॉमर्शियल पायलट की ट्रेनिंग ले रहे थे. शुक्रवार को ट्रेनिंग फ्लाइट के दौरान विमान के इंजन में तकनीकी खराबी आ गयी. नियंत्रण खोने से विमान क्रैश होकर आग की लपटों में घिर गया. पीयूष गंभीर रूप से झुलस गये. उन्हें जोहान्सबर्ग के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान शनिवार को दम तोड़ दिया. इस हृदयविदारक घटना से परिवार में मातम पसर गया है. वहीं क्षेत्र के लोग स्तब्ध हैं. पीयूष पेटरवार प्रखंड के चांदो गांव के निवासी त्रिलोकी नाथ साहू के पुत्र थे.
रांची के अरगोड़ा लाजपत नगर में रहता है परिवार
त्रिलोकी नाथ साहू सपरिवार रांची के अरगोड़ा कटहल मोड़ रोड स्थित लाजपत नगर में रहते हैं. पीयूष ने जवाहर विद्या मंदिर श्यामली से 10वीं और 12वीं तक की पढ़ाई की थी. पिता टीएन साहू इसी विद्यालय में गणित के शिक्षक रहे हैं. परिवार में माता-पिता के अलावा एक छोटा भाई है, जो फिलहाल पटना में फैशन टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर रहा है. पीयूष के दादा स्व. तालेश्वर नायक पंचायत सेवक थे. गांव में उनका नाम ईमानदारी और सेवा-भाव के लिए आज भी लिया जाता है. पीयूष के चाचा डॉ आरएन गुप्ता पेशे से चिकित्सक हैं. पीयूष पिछले एक वर्ष से पायलट की ट्रेनिंग ले रहे थे. ट्रेनिंग पूरी कर चार माह बाद उन्हें रांची लौटना था, इससे पहले ही हादसे ने उनके सपनों को तोड़ दिया. परिजनों ने बताया कि जोहान्सबर्ग स्थित भारतीय दूतावास के जरिये पीयूष का पार्थिव शरीर भारत लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. परिवार का एक सदस्य सोमवार को जोहान्सबर्ग रवाना हुआ. उम्मीद है कि गुरुवार तक शव रांची पहुंच जायेगा.
गांव में मातम, ग्रामीणों ने कहा : होनहार बेटा खो दिया
पीयूष की मौत की खबर मिलते ही लाजपत नगर स्थित घर में कोहराम मच गया. माता-पिता और परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है. जैसे ही यह खबर चांदो गांव पहुंची, यहां मातम पसर गया. ग्रामीण बैजनाथ गोराईं, दिलीप कुमार, आशीष नायक, वरुण नायक ने कहा कि पीयूष बचपन से ही अनुशासित, मेहनती और आत्मविश्वासी थे. उनका सपना था कि वह देश का नाम ऊंचा करे. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. ग्रामीणों ने बताया कि जब पायलट ट्रेनिंग के लिए पीयूष का चयन हुआ था, तब पूरे गांव में खुशियां फैल गयी थीं. पीयूष के रूप में हमने एक ऐसा बेटा खो दिया, जिसका सपना आसमान में उड़ान भरने का था. कहा कि हादसा हमारे गांव और पूरे झारखंड के लिए एक अपूरणीय क्षति है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

