आलमनगर प्रखंड के मुख्य बाजार स्थित महर्षि दधीचि गुरुकुलम् में रविवार को महर्षि दधीचि के जन्मोत्सव पर कार्यक्रम आयोजित कर भव्य रूप से जन्मोत्सव मनाया गया. इस दौरान गुरुकुलम के संस्थापक यह संचालक बाबा जयनारायण दास, प्राचार्या पुष्पा कुमारी एवं उपस्थित छात्र-छात्राओं के दौरान महर्षि दधीचि के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनकी पुजा अर्चना कर उनको छात्र छात्राओं के द्वारा अपने घर लाए गए प्रसाद का भोग लगाया. इसके उपरांत गुरुकुलम् में विभिन्न प्रकार के खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया. मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बाबा जयनारायण दास ने गुरुकुलम् में आए बच्चे के माता-पिता को बताया है आज जो शिक्षा व्यवस्था है वह हमारे संस्कृति से विपरीत है. उन्होंने कहा कि सिर्फ अंग्रेजी ही नहीं दुनिया की सारी भाषाओं को जानना अच्छी बात है. परन्तु अपनी मातृत्व भाषा नहीं जानना बड़े दुःख की बात है. उन्होंने कहा यह गुरुकुलम में हिन्दी, संस्कृत के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा को भी पढ़ाया जाता है. हमलोग पश्चिमी सभ्यता की ओर भाग रहे हैं हमें उस और नहीं जाना है. आज हम विज्ञान युग में जी रहे है. विज्ञान को छोड़ नहीं सकते है. हमारे ऋषि-मुनि बहुत ऐसी बाते कह गए हैं. जो आज तक विज्ञान जान नहीं सके है. हम अपने बच्चे का जन्मदिन मनाते जो कैक काटकर, मोमवती बुझाकर जो उस बच्चे के जीवन में अंधेरी देना चाहते हैं. जबकि हमारे ऋषि मुनियों का जन्मदिन दीपक जलाकर मनाते हैं. ओ जीवन में प्रकाश्र देता है. हर वह कार्य एवं शिक्षा व्यवस्था हमारे सभ्यता के अनुसार होनी चाहिए. वही प्राचार्य पुष्पा कुमारी ने जबसे गुरुकुलम में शिक्षा देने आरंभ किया है बच्चों में काफी बदलाव देखा जा रहा है. आधुनिक युग में जो हमारे पुरखों की व्यवस्था संस्कृति थी वह दिन प्रतिदिन घटती जा रही रही है. प्रयास है कि किताबी ज्ञान के साथ साथ हम उन बच्चों को सनातन संस्कृति एवं वैदिक धर्म का भी ज्ञान दे. बच्चों में बदलाव होता दिख रहा है. इस दौरान नंदकिशोर साह, रवि जायसवाल, राजू जायसवाल सहित कई लोग मौजूद थे.
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