चाईबासा.
चाईबासा के पिल्लई हॉल में श्याम सुंदर संस्था की ओर से श्रीकृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. बतौर मुख्य अतिथि उपायुक्त चंदन कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. उपायुक्त ने कहा कि संस्था ने धार्मिकता को संस्कृति से जोड़कर सांस्कृतिक विरासत को संजोने का सराहनीय कार्य किया है. उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों को अच्छे संस्कार दें. उन्होंने कहा कि हमें सभी धर्मों और जातियों के साथ मित्रता करनी चाहिए. एक-दूसरे पर विश्वास कर निडर बनना चाहिए, तभी जीवन में सफलता संभव है. विशिष्ट अतिथि सीआरपीएफ 174 वाहिनी के अधिकारी मनोज कुमार डांग ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ अपनी सभ्यता और संस्कृति का ज्ञान होना भी अनिवार्य है. हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित कर इसे और समृद्ध बनाना है. कार्यक्रम में सरायकेला-खरसावां विधायक प्रतिनिधि सह मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष अनूप सिंहदेव ने संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि संस्था बच्चों में ललित कला और संस्कृति के प्रति जागरुकता बढ़ाने का कार्य कर रही है. प्रसिद्ध समाजसेवी काबू दत्ता ने भी बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार अपनाने की प्रेरणा दी. संस्था की अध्यक्ष प्रो. डॉ शशिलता ने कहा कि बदलते परिवेश में लोग भारतीयता को भूलते जा रहे हैं, जबकि भारतीय संस्कृति विश्व की अनुपम और अद्वितीय संस्कृति है. जिसमें ज्ञान, विज्ञान, अध्यात्म, कला, योग, सहिष्णुता और सेवा भावना का अद्भुत समन्वय है. उन्होंने अभिभावकों से बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक ज्ञान और कला-संस्कृति से जोड़ने का आग्रह किया. प्रतियोगिता में 304 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. निर्णायक मंडल में रिंकु मुखर्जी, स्नेहा पॉल, प्रशांति साहा, तोशाली कर्मकार, गीता शर्मा, समीर सिंह, देवजीत रॉय, सुभाष घोष और प्रेमजीत पान शामिल थे. संचालन शीतल बागे ने किया. कार्यक्रम में चाईबासा शहर के अतिरिक्त बलरामपुर और छत्तीसगढ़ से रितेश जायसवाल और पंकज गुप्ता भी उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

