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जीवन को नष्ट न कर दे डिप्रेशन

डॉ केके सिंह असिस्टेंट प्रोफेसर आइजीआइएमएस पटना अगर आपके आस-पास कोई ऐसा है, जिसे अकेलापन भाता है, वह निराशाजनक या मरने की बातें करता है, तो जानिए कि वह डिप्रेशन का शिकार है. असल में वह सिर्फ आपको अपनी बात नहीं बता रहा होता, बल्कि आपसे मदद की अपेक्षा रखता है. इस संकेत को पहचानिए. […]

डॉ केके सिंह
असिस्टेंट प्रोफेसर आइजीआइएमएस पटना
अगर आपके आस-पास कोई ऐसा है, जिसे अकेलापन भाता है, वह निराशाजनक या मरने की बातें करता है, तो जानिए कि वह डिप्रेशन का शिकार है. असल में वह सिर्फ आपको अपनी बात नहीं बता रहा होता, बल्कि आपसे मदद की अपेक्षा रखता है.
इस संकेत को पहचानिए. आज सबसे ज्यादा युवा इसका शिकार हैं. आज ‘इंटरनेशनल यूथ डे’ पर उनकी इस समस्या और इसके उपचार पर बता
रहे हैं दिल्ली व पटना से हमारे
मनोरोग विशेषज्ञ.
जिंदगी में कभी-कभी उदास होना आम बात है. लेकिन जब यह एहसास बहुत समय तक बना रहे, तो यह डिप्रेशन या अवसाद हो सकता है. ऐसे में जीवन नीरस और खाली-खाली लगता है. किसी काम में मन नहीं लगता है.
सकारात्मक बातें भी नकारात्मक लगती हैं. यदि ऐसा है, तो घबराएं नहीं, इसके लक्षणों और कारणों को समङों और इलाज कराएं. डिप्रेशन एक ऐसी मानसिक स्थिति या विकार है, जिसमें व्यक्ति को उदासी, अकेलापन, कम भूख लगना, कम नींद आना, निराशा, काम करने में मन नहीं लगना, आत्मविश्वास की कमी, गुस्सा आना और आत्महत्या की इच्छा महसूस होती है.
डिप्रेशन और आत्महत्या
डिप्रेशन के बढ़ने से व्यक्ति आत्महत्या तक की सोच सकता है. इस रोग के दौरान व्यक्ति खुद को असहाय महसूस कर सकता है और उसे समस्याओं का हल जिंदगी खत्म करने में नजर आने लगता है.
यदि कोई आत्महत्या जैसी बातें करता है, तो संभवत: वह डिप्रेशन से ग्रसित है. असल में वह सिर्फ आपको अपनी बात नहीं बता रहा होता है, बल्कि वह आपसे मदद की अपेक्षा रखता है. इस अवस्था में उसकी मदद जरूर करें और उसे मनोचिकित्सक से मिलाएं.
ये हैं आत्महत्या के लक्षण
ये लक्षण आत्महत्या की चेतावनी हो सकते हैं :
खुद को मारने के बारे में बात करना ऐसी भावनाएं व्यक्त करना, जिससे व्यक्ति असहाय और उलझा हुआ प्रतीत हो त्नहमेशा मरने की बातें करना
ऐसी बातें करना, जैसे-‘मेरे न रहने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता’
अचानक उदास हो जाना.
केस : कुछ दिन पहले इमर्जेसी वार्ड से मुङो कॉल आया. मैंने देखा एक लड़की बेड पर सुस्त पड़ी थी और गले पर खरोंच के निशान थे. उसके परिवारवालों ने बताया कि उसने आत्महत्या की कोशिश की थी.
वजह था उसका मैट्रिक की परीक्षा में लगातार दो बार फेल होना. एक लड़की इसलिए डिप्रेशन की चपेट में आ गयी कि तेज होने के बावजूद उसे मैट्रिक की परीक्षा में कम नंबर मिले थे. आये दिन हमारे आस-पास ऐसी दुखद घटनाएं होती रहती हैं. ऐसी कई सारी घटनाओं की जड़ डिप्रेशन या अवसाद होती है.
डिप्रेशन के कारण
अकेलापन
समाजिक बाधाएं
वित्तीय समस्याएं त्नतनावपूर्ण परिवेश त्नवैवाहिक या अन्य रिश्तों में खटास
बचपन के बुरे हालात या पारिवारिक उलझनें त्नशराब या अन्य नशीली दवाओं का सेवन
बेरोजगारी
काम का बोझ
मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर केमिकल सेरोटोनिन में गड़बड़ी
कैसे पाएं डिप्रेशन से निजात
एंटीडिप्रेसेंट दवाएं
काउंसिलिंग कराएं त्नखुश रहने की कोशिश करें
अकेले न रहें
रोज व्यायाम करें
पौष्टिक भोजन लें
नकारात्मक सोच को दूर करें त्नमुस्कुराना सीखें
लोगों से घुले-मिलें
सकारात्मक लोगों के साथ रहें
अच्छी किताबें पढ़ें
इंटरनेट पर ऐसे ग्रुप से न जुड़ें, जो मानसिक तनाव को बढ़ाते हों.

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