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उड़ रहे हैं रंग, देशभर में होली की धूम

नयी दिल्ली : पूरे देश में होली की धूम है. कहीं अबीर का रंग उड़ रहा है तो कहीं ढोल नगाड़े की आवाज इस त्योहार का आनंद बढ़ा रही है. हर तरफ होली का उत्साह देखने को मिल रहा है. हर कोई इसकी तैयारी में लगा हैं. बच्चे-महिलाएं और युवा हर उम्र के लोग होली […]

नयी दिल्ली : पूरे देश में होली की धूम है. कहीं अबीर का रंग उड़ रहा है तो कहीं ढोल नगाड़े की आवाज इस त्योहार का आनंद बढ़ा रही है.
हर तरफ होली का उत्साह देखने को मिल रहा है. हर कोई इसकी तैयारी में लगा हैं.
बच्चे-महिलाएं और युवा हर उम्र के लोग होली को अपने-अपने अंदाज में सेलिब्रेट कर रहे हैं . इस बदलते जमाने में लोगों में होली मनाने का अंदाज भी बदल रहा है. लोग इस त्योहार को अब अपने अंदाज में सेलिब्रेट करते हैं. युवाओं में भी होली मनाने का एक अलग क्रेज है. इस बारे में कई लोगों ने बताया कि होली को लोग अपने तरीके से एंज्वाय करते हैं. हर कोई इस त्योहार के रंग में रंगना चाहता है.
युवाओं में बढ़ रही है उत्सुकता
युवाओं में अब होली मनाने की उत्सुकता अलग तरह से हो रही है. पहले की बात करें, तो पहले युवा होली के दिन ही होली खेल पाते थे. लेकिन, अब शहर हो या गांव हर जगह होली का असर कई दिनों पहले से ही देखने को मिलता है.
जैसे-जैसे होली नजदीक आती है, लोग होली के रंग में रंगना शुरू हो जाते हैं. क्योंकि, अब लोग जहां रहते हैं, एक बार होली धूमधाम से सेलिब्रेट जरूर करते हैं. इस बारे में युवाओं का कहना है कि वे अब अपने ऑफिस, कॉलेज या अन्य संस्थाओं में होली सेलिब्रेट करने के बाद ही घर में होली सेलिब्रेट कर पाते हैं.
होली मिलन का भी बढ़ रहा है चलन
होली के मौके पर करीब दस दिन पहले से ही हर तरफ होली मिलन का असर देखने को मिलता है. शहर में कई लोग होली से पहले अपने-अपने संस्थानों पर भव्य रूप से होली मिलन समारोह का आयोजन करते हैं.
फेसबुक पर भी होली का हुड़दंग
बदलते वक्त में फेसबुक व वॉट्सएप पर भी होली का हुड़दंग देखने को मिल रहा है. लोग अब अपने करीबी-दोस्तों व परिवार के साथ-साथ सोशल मीडिया पर बने दोस्तों के साथ भी होली की खुशियां बांटते हैं.
पकवान में भी आये बदलाव
होली में पकवान बनाने की परंपरा बहुत पुरानी है. होलिका दहन के दिन से ही सभी घरों में तरह-तरह के पकवान बनने शुरू हो जाते है. लेकिन, अब इसमें भी बदलाव आया है. इस बारे में एग्जीबिशन रोड की हेमलता अग्रवाल कहती हैं कि अब पकवान में भी बदलाव आया है.
पहले लोग दस दिनों पहले से ही तैयारियां शुरू कर देते थे. लेकिन, अब लोग मार्केट से रेडीमेड सामान लेकर आते हैं. पहले की बात करें, तो पहले सभी मिल कर घर में ठंडई बना कर पिया करते थे. लेकिन, अब लोग इसे भी मार्केट से मंगाते हैं.
रखें सावधानी, होली का मजा होगा दुगुना
होली रंगों का त्योहार है, लेकिन खतरनाक रासायनिक रंग होली की खुशियों के साथ ही जिंदगी पर भी ग्रहण लगा सकते हैं. पहले जहां रासायनिक रंगों का प्रयोग कम होता था़ रंगों की दुनिया में भी होनेवाले बदलाव होली के रंगों पर असर डाल रहे हैं. इन रंगों में लाल व सिल्वर रंग जहां कैंसर को दावत देते हैं, वहीं काले रंग के प्रयोग से किडनी फेल होने का खतरा रहता है. इन रंगों से बचते हुए होली का त्योहार मनाया जाये तो इस रंगीले पर्व का आनंद दोगुना हो जायेगा.
रंगों का दुष्प्रभाव
रेड कलर- यह कर्मरी सल्फेट से बनता है. इससे त्वचा कैंसर, पैरालिसिस व आंखों में झिलमिलाहट के रोग हो सकते हैं.
सिल्वर कलर- यह एल्यूमीनियम ब्रोमाइड से बनता है. इसके प्रयोग से कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है.
ब्लैक कलर- यह लेड आक्साइड से तैयार होता है. इसके प्रयोग से किडनी फेल होने का खतरा बनता है.
ग्रीन कलर- यह कापर सल्फेट से तैयार होता है. इससे त्वचा की एलर्जी व अंधापन की शिकायत रहती है.
बैंगनी कलर- यह रंग क्रोमियम ब्रोमाइड से तैयार होता है जिससे अस्थमा व एलर्जी की शिकायत होती है.
ऐसे करें खतरनाक रंगों से बचाव
जानकार कहते हैं कि रासायनिक रंगों का प्रयोग अगर होता भी है तो उससे बचने के लिए पहले से तैयारियां करनी जरूरी है. पहले पूरे बदन पर सरसों का तेल या फिर कोकोनट ऑयल काे लगाकर घर से निकलें़ साथ ही संभव हो, तो चश्मा जरूर लगाएं. सिर के स्किन को बचाने के लिए टोपी का इस्तेमाल करें और जहां तक हो सके हर्बल रंग या अबीर-गुलाल का प्रयोग करें.
हर्बल होली से मनाएं रंगों का त्योहार
चारों तरफ होली मनाने के लिए हर वर्ग के लोग रोमांचित हैं. इस त्योहार की कल्पना बिना रंग के हो ही नहीं की जा सकती है, लेकिन मुश्किल यह है कि इन रंगों में जो केमिकल पाये जाते हैं, वे हमारी त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं. थोड़ी से मेहनत कर के हम इस होली को और अधिक सुरक्षित बना सकते हैं. इसके लिए हमें घर पर ही उपाय करने होंगे. इन प्राकृतिक रंग बनाने की विधियों से घर पर ही आकर्षक व चटकीले रंग बनाया जा सकता है और होली के आनंद को दुगुना किया जा सकता है. इस तरह बनाये हर्बल रंग…
सूखा लाल चंदन – इसे लाल गुलाल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. यह सूर्ख लाल रंग का पाउडर होता है और त्वचा के लिए अच्छा होता है.
जासवंती के फूलों से रंग – जासवंती के फूलों को सुखा कर उसका पाउडर बनाया जा सकता है. अगर यह कम है, तो इसकी मात्रा बढ़ाने के लिए आटा को मिला जा सकता है. साथ ही सिंदूरिया के बीज लाल रंग के होते हैं, इनसे भी सूखा व गीला लाल रंग बनाया जा सकता है.
लाल रंग – अनार के छिलकों को पानी में उबालकर लाल रंग बनाया जा सकता है. इसके अलावा बुरांस के फूलों को रात भर पानी में भिगो कर भी लाल रंग बनाया जा सकता है, लेकिन यह फूल केवल पहाड़ी क्षेत्रों में ही पाया जाता है.
हरा रंग – सूखे मेहंदी पावडर को हरे रंग की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर इसे सूखा लगाया जाये तो वह हाथ से ही साफ हो सकता है. गीली मेहंदी को बालों में लगाने से लाभ मिलता है अत:इसे बेझिझक किसी के बालों पर भी लगा सकते हैं. गुलमोहर की पत्तियों को सुखाकर, महीन पावडर कर भी हरे रंग की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं.
इसके अलावा दो चम्मच मेहंदी को एक लीटर पानी में मिला कर अच्छी तरह मिलाकर पालक, धनिया और पुदीने की पत्तियों का पेस्ट पानी में घोलकर गीला हरा रंग बनाया जा सकता है.
गुलाबी रंग – चुकन्दर को पिस कर इसे करीब एक लीटर पानी में भिगो दें. इससे एक शानदार कलर वाली बहुत ही अच्छा गुलाबी रंग तैयार हो जायेगा.
नारंगी रंग – टेसू (पलाश) के फूलों को रातभर पानी में भिगो कर बहुत ही सुन्दर नारंगी रंग बनाया जा सकता है. ऐसी मान्यता है कि टेसू के फूलों के रंग को होली का पारम्परिक रंग माना जाता है. इसके अलावा हरसिंगार के फूलों को पानी में भिगो कर भी नारंगी रंग बनाया जा सकता है. एक चुटकी चन्दन पावडर को एक लीटर पानी में भिगो देने से नारंगी रंग बनता है.
संतरी रंग- केसर की पत्तियों से संतरी रंग बनाया जा सकता है. इसके लिए केसर की कुछ पत्तियों को दो चम्मच पानी में मसल कर कुछ घंटों के लिए छोड़ होगा.

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