Vishwakarma Puja Bhog: विश्वकर्मा पूजा का पर्व हर साल 17 सितंबर को मनाया जाता है. इस दिन सृष्टि के रचयिता और पहले इंजीनियर भगवान विश्वकर्मा की पूजा धूम-धाम से की जाती है. इस खास दिन पर भगवान विश्वकर्मा को खास प्रसाद या भोग अर्पित करने का नियम है. यह भोग सिर्फ एक व्यंजन नहीं बल्कि हमारी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कौन सा भोग हैं जिन्हें चढ़ाकर आप भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं अगर नहीं तो चलिये हम आपको बताते हैं.
विश्वकर्मा पूजा भोग
- खीर – खीर को सबसे शुभ और पवित्र प्रसाद माना जाता है. दूध, चावल और शक्कर से बनी खीर भगवान को बहुत प्रिय है. इसे अर्पित करने से घर में समृद्धि और शांति बनी रहती है.
- पूरी – आटे से बनी और तेल या घी में तली हुई पूरी पारंपरिक प्रसाद का अहम हिस्सा होती है. इसे सब्जी या हलवे के साथ चढ़ाया जाता है और पूजा के बाद परिवार व भक्तों में बांटा जाता है.
- चना दाल और आलू की सब्जी – विश्वकर्मा पूजा में चना दाल और आलू की सब्जी खास भोग के रूप में बनाई जाती है. यह व्यंजन सादगी और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है.
- हलवा – सूजी, गेहूं या बेसन से बना हलवा मीठे प्रसाद में विशेष स्थान रखता है. यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ शुभता का भी प्रतीक है.
- लड्डू – बूंदी और बेसन के लड्डू भगवान को अर्पित करने के लिए बेहद लोकप्रिय हैं. इन्हें प्रसाद में बांटने से घर में मिठास और खुशियां बनी रहती हैं.
- मिष्ठान्न – रसगुल्ला, पेड़ा, बर्फी या बालूशाही जैसे मिष्ठान्न भोग को खास बनाते हैं. ये मिठाइयां पूजा के उत्सव में आनंद और उल्लास बढ़ाती हैं.
- फल – केले, सेव, अनार और मौसमी फल पूजा में अर्पित करना शुभ माना जाता है. फल पवित्रता और प्राकृतिक ऊर्जा का प्रतीक हैं.
- नारियल – नारियल हर पूजा में शुभ और अनिवार्य माना जाता है. इसे भगवान को चढ़ाने से सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
- पान और सुपारी – पान और सुपारी पारंपरिक प्रसाद का हिस्सा होते हैं. इन्हें पूजा में चढ़ाने का महत्व पौराणिक ग्रंथों में भी बताया गया है.
- पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बना पंचामृत अमृत समान माना जाता है.यह शुद्धिकरण और आशीर्वाद का प्रतीक है और पूजा के बाद इसे भक्तों में बांटा जाता है.

