Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज हमेशा जीवन और रिश्तों के बारे में महत्वपूर्ण बातें बताते हैं. उनके शब्द सीधे दिल में उतरते हैं और सोचने पर मजबूर कर देते हैं. उनका हर संदेश सरल होते हुए भी गहन अर्थ रखता है और जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों में मार्गदर्शन देता है. हाल ही में एक व्यक्ति ने उनसे प्रश्न किया कि अगर हमें सम्मान और प्रेम में से किसी एक चयन करना हो, तो हमें किसका चयन करना चाहिए. यह सवाल भले ही साधारण लगता हो, लेकिन प्रेमानंद जी महाराज के दृष्टिकोण में इसका उत्तर बहुत खास और जीवन बदलने वाला है. तो आइये जानते हैं प्रेमानंद जी महाराज से प्रेम और सम्मान में किसे बड़ा बताया है.
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार प्रेम और सम्मान में किसे चुनना चाहिए?
प्रेमानंद जी ने स्पष्ट रूप से बताया कि हमें हमेशा प्रेम को चुनना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, “तुम लोग नहीं जानते हो, सम्मान बहुत गलत चीज है.” उनके शब्दों में यह बात सीधी और स्पष्ट है कि प्रेम जीवन में सर्वोच्च है और सम्मान केवल बाहरी दिखावा बनकर रह जाता है.
क्यों सम्मान गलत है?
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, सम्मान अच्छी चीज नहीं है. सम्मान वह विष है जो देह अभिमान को बढ़ा कर दुर्गुणों की सृष्टि करता है. इसलिए महाराज जी कहते हैं कि सम्मान बिलकुल ठीक नहीं है.
सम्मान और प्रेम का अंतर
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, प्रेम और सम्मान के बीच फर्क समझना बहुत जरूरी है. प्रेम वह भावना है जो दिल को सौम्य और जीवन को खुशहाल बनाती है. प्रेम से हमारे रिश्ते मजबूत होते हैं और जीवन में संतोष और शांति बनी रहती है. वहीं, सम्मान केवल बाहरी आदर और दिखावे का नाम है. यदि प्रेम न हो तो सम्मान केवल अभिमान और अहंकार को जन्म देता है.
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