Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज एक ऐसे ज्ञानी और मार्गदर्शक हैं, जिनकी बातें सीधे दिल को छू जाती हैं. उनके अनुभव और ज्ञान ने अनगिनत लोगों के जीवन को सही राह दिखाई है. वे हमेशा सिखाते हैं कि हमारे अच्छे और बुरे कर्म हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं. लेकिन क्या सच में गलत कर्मों का हिसाब यहीं होता है? प्रेमानंद जी महाराज ने इस सवाल का जवाब अपने सरल और असरदार तरीके से दिया है. तो आइए, जानते हैं प्रेमानंद जी महाराज से इस रहस्य की सच्चाई.
क्या गलत कर्मों का हिसाब इस जीवन में पूरा होता है?
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि गलत कर्मों का पूरा हिसाब इस जीवन में नहीं होता है। इंसान यहां से अपने गलत कर्मों को लेकर आगे जाता है. इसका मतलब यह है कि हमारे द्वारा किए गए पाप केवल वर्तमान जीवन तक ही नहीं रहते. उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि अगर कोई व्यक्ति चोरी करने जाता है और उसके मन में यह विचार आता है कि यह पाप है और इसका दंड मिलेगा, तो भी उसके बुद्धि ने उसे चोरी के लिए कहा. और जब पकड़ा जाएगा, तो पुलिस उसे थाने ले जाएगी और बाद में जज के द्वारा सजा मिलेगी. तो इतनी जो सजा मिली, वो सजा जज देता है. ऐसे ही यहां का सजा तो सिर्फ ब्याज है, असली सजा तो नर्क में मिलती है.
प्रेमानंद जी महाराज नाम जप की सलाह क्यों देते हैं?
इसीलिए प्रेमानंद जी महाराज हमेशा नाम जप करने की बात करते हैं. वे बताते हैं कि गलती होना सामान्य है, लेकिन नाम जप करने से आपके पाप नष्ट हो जाते हैं. इसके अलावा यह भी जरूरी है कि हमने जिन पापों से पहले जुड़े हैं, उन्हें दोबारा कभी न करें.
जीवन में गलत कर्मों से बचने का उपाय क्या है?
प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षा के अनुसार, हमें हमेशा अपने कर्मों के प्रति सजग रहना चाहिए. अच्छे कर्म करना, नाम जप करना और अपने पापों से सीख लेना जीवन को सकारात्मक बनाने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

