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पीएम मोदी ने जिस शॉल को पहनकर कृषि कानून वापस लिया वो 6 महीने में बनी, 1.25 लाख से ज्यादा है कीमत

पीएम मोदी के लाइफ स्टाइल के बारे में आपने कई बातें सुनी और-पढ़ी होंगी जिसमें उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले लाख रुपए के पेन, घड़ी, लाखों का कुर्ता और सूट है लेकिन क्या आपने कभी उनकी शॉल पर नजर डाला है ? यदि नहीं तो अब जरूर गौर कीजिए.

पीएम मोदी कई खास चीजों के साथ डिजाइनर शॉल ओढ़ने का भी शौक रखते हैं. 19 नवंबर को पीएम मोदी ने जिस शॉल को पहन कर कृषि कानून वापस लिया उस शॉल को बनाने में पूरे 6 महीने का समय लगा है और इतना ही नहीं इस शॉल की कीमत 1.25 लाख रुपए से ज्यादा है.

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जानें पीएम मोदी के शॉल में क्या है खास

पीएम मोदी ने 19 नवंबर को जिस शॉल को पहना था वह नारंगी कानी जमावार पश्मीना शॉल है. यह कश्मीर में बनाया जाता है जिसे यहां के कानी कारीगर बनाते हैं. यह शॉल हाथ से बुने धागे का बना है. बता दें कि 70 से अधिक कानिस या लकड़ी की सुइयों का इस्तेमाल कर इस कानी शॉल को बुना जाता है. इसमें इस्तेमाल की जानेवाली सामग्री कश्मीरी पश्मीना का हाईग्रेड होता है जो लद्दाख में मिलता है. पीएम मोदी का यह कानी शॉल कानी बुनाई के टॉप लेवल का शॉल है.

एक कानी शॉल बनाने में लगता है 6 महीने का समय

कानी शॉल गुणवत्ता और शिल्प कौशल का बेजोड़ उदाहरण है. धागे से धागे जोड़ते हुए तालीम नामक कोडित पैटर्न के आधार पर इस शॉल की बुनाई एक कालीन की तरह की जाती है. कानी शॉल की बुनाई कश्मीर के कानी कारीगर ही करते हैं. इसकी बुनाई में कुल 6 महीने का समय लगता है. यह शॉल पूरी तरह से हस्तनिर्मित होता है.

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कारीगरों को धैर्य और एकाग्रता की होती है जरूरत

कश्मीरी पश्मीना प्राकृतिक रूप से हांथी दांत और भूरे रंग का होता है जिसे रंगीन धागों में बदलने के लिए 15 अन्य मैनुअल प्रक्रियाओं की जरूरत होती है. कानी शॉल बनाने के लिए कारिगरों को अत्यं धैर्य रखने और अत्यंत एकाग्रता की जरूरत होती है क्योंकि बुने जाने वाले डिजाइन की जटिलता के आधार पर एक करीगर प्रतिदिन ज्यादा से ज्यादा एक इंच तक बुनाई कर सकता है. इसलिए एक कानी शॉल बुनने में 6 महीने तक का समय लग जाता है. purekashmir.com पर जा कर आप भी ऐसी ही कानी जमावार पश्मीना शॉल आर्डर कर सकते हैं.

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दुनिया के बेहतरीन संग्रहालयों में रखे गए हैं कानी शॉल

आपको बता दें कि कानी शॉल इतना अनोखा है कि लंदन में विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम, पेरिस में मुसी डेस आर्ट्स डेकोराटिफ्स और मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट, न्यूयॉर्क में इस्लामी कला विभाग जैसे दुनिया के बेहतरीन संग्रहालयों में रखे गए हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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